भारती फिल्म सितारों की दुनिया काफी रंगीन है। चमक-दमक से भरी उनकी लाइफ में ग्लैमर के साथ लग्जरी का भी तड़का लगता है। सितारों के बच्चे भी उनकी तरह ही लैविश लाइफ जीते हैं। आलीशान घरों में रहने से लेकर विदेश में पढ़ाई और बड़े बैनर की फिल्मों से शानदार डेब्यू करते हैं। कई स्टारकिड्स ऐसे भी होते हैं जो फिल्मों में न आकर किसी और फील्ड में बड़ा नाम कमाते हैं, लेकिन इनका स्टाइलिश अंदाज जरा भी कम नहीं होता। इन स्टारकिड्स की भी बचपन से अपनी फैन फॉलोइंग होती है। अपने पेरेंट्स की तरह ही ये भी स्टारडम का स्वाद चखते और उसके मजे भी लेते हैं। पैप कल्चर के बीच ये हमेशा कैमरों से घिरे रहते हैं। पार्टीज से लेकर बड़े इवेंट्स में इनकी लग्जरी लाइफस्टाइल की झलक देखने को मिलती है, लेकिन एक स्टारकिड ऐसा है, जिसे अपने पिता की स्टारडम से कोई फर्क नहीं पड़ता। वो अपनी अलग जिंदगी जीता है।
क्या कर रहे हैं प्रणव
मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल के बेटे, प्रणव मोहनलाल इस फिल्मी दुनिया में किसी अपवाद से कम नहीं है। प्रणव ने आलीशान जीवन को त्याग दिया है और एक शांत, गैर-ग्लैमर जीवन जीने का फैसला किया है। मोहनलाल के इकलौते बेटे होने के बावजूद भी वो एक सामान्य लड़के की तरह जिंदगी गुजारा करते हैं। फिलहाल प्रणव स्पेन में रहते हैं, जहां वो दूसरों के खेतों में काम करते हैं और सूअरों का भी ध्यान रखते हैं। इसके साथ ही वो फार्म में कई और जानवरों का भी ध्यान रखते हैं। ‘दृश्यम’ स्टार की पत्नी सुचित्रा ने मनोरमा को बताया कि भले ही वह हर साल उनके लिए कुछ स्क्रिप्ट सुनती हैं, लेकिन प्रणव फिलहाल फिल्मों के अलावा अन्य कामों में व्यस्त हैं।
जिद्दी नहीं है बेटा
सुचित्रा ने यह भी बताया कि प्रणव स्पेन के एक खेत में ‘वर्क अवे’ कार्यक्रम में रुचि रखते हैं, जहां वे पैसे के बजाय भोजन और आवास के बदले काम कर रहे हैं। सुचित्रा ने बताया कि वित्तीय पुरस्कारों के बजाय, प्रणव इस तरह के अनुभवों को महत्व देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रणव ने घोड़ों और बकरियों की देखभाल का काम शुरू कर दिया है। सुचित्रा ने कहा, ‘हालांकि लोग, जिनमें उनके चचेरे भाई भी शामिल हैं, अक्सर कहते हैं कि प्रणव केवल मेरी बात सुनता है, मुझे नहीं लगता कि यह पूरी तरह सच है। उसके अपने विचार हैं, वह जिद्दी नहीं है, लेकिन वह वही करता है जो उसे सही लगता है।’
चाइल्ड एक्टर के तौर पर किया काम
प्रणव कभी मोहनलाल नहीं बन सकते, ये कहना भी सुचित्रा का ही है। सुचित्रा ने माना कि उन्हें स्क्रिप्ट पढ़ना पसंद है, लेकिन फिल्म प्रोजेक्ट का अंतिम चयन प्रणव पर निर्भर करता है। सुचित्रा ने जोर देकर कहा, ‘मैं उनसे साल में कम से कम दो फिल्में करने का आग्रह करती रहती हूं, लेकिन वह हमेशा मेरी बात नहीं सुनते। कभी-कभी मुझे लगता है कि वह सही हैं; जीवन में संतुलन होना चाहिए।’ सुचित्रा ने यह भी कहा कि फिल्मों में नए होने के बावजूद प्रणव की तुलना उनके पिता मोहनलाल से की जाती है, लेकिन अप्पू कभी मोहनलाल नहीं बन सकता। मोहनलाल के इकलौते बेटे प्रणव ने साल 2003 की ड्रामा फिल्म ‘पुनरजानी’ में बाल कलाकार के रूप में अभिनय की शुरुआत की। इसी फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार भी मिला।
इन फिल्मों में कर चुके हैं काम
साल 2015 में प्रणव फिल्म उद्योग में वापस लौटे, लेकिन ‘दृश्यम’ के जीतू जोसेफ के तहत एक सहायक निर्देशक के रूप में। ‘पापनासम’ और ‘द लाइफ ऑफ जोसुट्टी’ के लिए उन्होंने काम किया। प्रणव ने ‘आधी’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की, जिसे जीतू ने भी निर्देशित किया था। यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मलयालम फिल्मों में से एक बन गई। उन्हें उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेता के लिए SIIMA पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। ‘आधी’ के साथ प्रणव ने एक गायक-गीतकार के रूप में भी अपनी शुरुआत की, जहां उन्होंने ‘जिप्सी वुमेन’ गीत लिखा, गाया और उस पर परफॉर्म भी किया। उन्होंने ‘हृदयम’ में भी काम किया, ये उनकी हिट फिल्म रही।