इस्लामाबादः बांग्लादेश में मची हिंसा और बवाल से अगर सबसे ज्यादा खुश कोई देश है तो वह है उसका पड़ोसी और दुश्मन पाकिस्तान….इसके पीछे कई वजहें हैं। बांग्लादेश पाकिस्तान से ही टूटकर अलग हुआ था। बांग्लादेश को आजाद कराने और अलग मुल्क बनवाने में भारत की भूमिका सबसे अहम थी। यही वजह है कि बांग्लादेश भारत का सबसे अच्छा दोस्त था। मगर पाकिस्तान और चीन बांग्लादेश में सेंध लगाना चाह रहे थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के रहते संभव नहीं हो पा रहा था। शेख हसीना की प्रखर विरोधी खालिद जिया कट्टर इस्लाम और पाकिस्तान की समर्थक हैं। ऐसे में पाकिस्तान की अब लॉटरी से लग गई है। बांग्लादेश में अब भारत विरोधी अंकुर बोए जाने लगे हैं। लिहाजा पाकिस्तान सबसे ज्यादा खुश है।
बांग्लादेश में तख्तापलट के तीसरे दिन अब पाकिस्तान का पहला रिएक्शन सामने आया है। पाकिस्तान ने आज बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और सहानुभूति प्रकट करने का नाटक किया है। पाकिस्तान ने कहा कि हम उम्मीद जताते हैं कि देश में जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। बता दें कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत जाना पड़ा। बांग्लादेश में हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 440 हो गई है।
मोहम्मद यूनिस अंतरिम सरकार के प्रमुख
हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने सत्ता संभाल ली है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद को भंग कर दिया और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस (84) को आगामी अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बांग्लादेश के घटनाक्रम पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘पाकिस्तान की सरकार और लोग बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और ईमानदारी से जल्द सामान्य स्थिति की वापसी की उम्मीद करते हैं।’’
विदेश कार्यालय ने संक्षिप्त बयान में कहा कि बांग्लादेश के लोगों की दृढ़ भावना और एकजुटता उन्हें एक सामंजस्यपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी। बांग्लादेश को 1971 में पाकिस्तान से आजादी मिली थी। हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान ने भारत की मदद से बांग्लादेश के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। (भाषा)