नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद राजनीतिक संकट बरकरार है. हालांकि, सेना ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाकर चीजें ठीक करने की कोशिश की है. बावजूद इसके बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी की घटनाएं नहीं रुक रही हैं. हत्या और हमलों का सिलसिला जारी है. इस बीच कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को एक अजीब तुलना कर दी. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वो हमारे देश में भी हो सकता है, भले ही ऊपर से सबकुछ सामान्य दिख रहा हो. सलमान खुर्शीद पूर्व केंद्रीय मंत्री मुजीबुर रहमान की किताब ‘शिकवा-ए-हिंद: द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडियन मुस्लिम’ के विमोचन पर बोल रहे थे.
सलमान खुर्शीद ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने ने कहा, ‘कश्मीर में सबकुछ सामान्य लग सकता है. यहां भी सबकुछ सामान्य लग सकता है. हम जीत का जश्न मना रहे होंगे, हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि 2024 की जीत या सफलता बहुत मामूली थी. शायद अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है.’ खुर्शीद ने कहा, ‘सच्चाई ये है कि सतह के नीचे कुछ और ही चल रहा है.’
बांग्लादेश से यह कैसी तुलना?
सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘बांग्लादेश में जो हो रहा है, वो यहां भी हो सकता है… हमारे देश में फैलाव होने से हालात उस तरह नहीं बिगड़ते जैसे बांग्लादेश में बिगड़े हैं. बता दें कि जुलाई के मध्य से बांग्लादेश हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों की चपेट में है. जिसके बाद शेख हसीना को इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.
खुर्शीद के बगल में मंच पर मनोज झा भी थे
जब सलमान खुर्शीद यह बयान दे रहे थे, मंच पर राजद सांसद मनोज झा भी मौजूद थे. इसी कार्यक्रम में मनोज झा ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ हुए शाहीन बाग आंदोलन का जिक्र किया और कहा कि इसे वो तवज्जो नहीं मिली जिसका हक बनता था. मनोज झा ने कहा, ‘शाहीन बाग की सफलता को उसकी भव्यता के पैमाने पर नहीं मापा जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘याद रखें कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन क्या था… जब संसद हार गई, तो सड़कें जीवंत हो गईं.’
शाहीनबाग आंदोलन पर क्या बोले खुर्शीद?
सलमान खुर्शीद ने यह भी कहा कि शाहीन बाग जैसा आंदोलन आज देश में नहीं हो सकता. खुर्शीद ने कहा, ‘अगर मैं यह कहूं कि शाहीन बाग विफल हो गया तो आप बुरा मान जाएंगे? बहुत से लोग मानते हैं कि शाहीन बाग सफल रहा. लेकिन मैं जानता हूं कि शाहीन बाग से जुड़े लोगों के साथ क्या हो रहा है. उनमें से कितने अभी भी जेल में हैं? उनमें से कितनों को जमानत नहीं मिल सकती? उनमें से कितनों को बताया जा रहा है कि वे इस देश के दुश्मन हैं?’ उन्होंने कहा, ‘अगर मैं कल खुद से पूछूं कि क्या शाहीन बाग की पुनरावृत्ति होगी और मुझे यकीन नहीं है कि ऐसा होगा क्योंकि लोगों को वास्तव में बहुत नुकसान उठाना पड़ा है.’
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FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 10:11 IST