कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या की घटना पर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. इस बीच मुंबई के ठाणे इलाके के बदलापुर में एक नामी स्कूल में बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आया है. इस घटना के विरोध में मंगलवार को मुंबई में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. कई घंटों तक मुंबई लोकल की सेवाएं ठप्प हो गई. प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करनी पड़ी.
इस बीच बदलापुर की इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्षी महाविकास अघाड़ी खासकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना लगातार एकनाथ शिंदे सरकार पर हमलावर है. वह उस शक्ति विधेयक की बात कर रही है जिसे उद्धव ठाकरे ने सीएम रहते लाने की तैयारी की थी.
रेप में मृत्युदंड
इस विधेयक में महाराष्ट्र सरकार ने रेप के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान किया था. साथ ही महिलाओं पर एसिड अटैक और नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण पर भी कड़े दंड का प्रावधान किया गया था. लेकिन, उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनी सरकार इस विधेयक को विधानसभा की मंजूरी नहीं दिला पाई. अब इसी मसले को लेकर शिवसेना उद्धव गुट सरकार पर हमलावर है. राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘शक्ति कानून’ को लागू करने में देरी के लिए महाराष्ट्र सरकार को घेरा.
उन्होंने कहा कि चाहे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल या दिल्ली हो – कहीं भी महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है. कहा जाता है कि यदि बच्चे घर के बाहर कहीं सुरक्षित रहते हैं, तो वह स्कूल है. लेकिन ये चार साल की बच्चियां जब स्कूल गईं, तो वहीं पर उनके साथ यह अपराध होता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तब तक अपना मुंह नहीं खोलती है, जब तक जनता आक्रोशित होकर सड़कों पर नहीं उतरती है.
30 दिन के भीतर ट्रायल
महिला सुरक्षा के लिए महाविकास अघाड़ी के शासनकाल में विधानमंडल द्वारा पारित और राष्ट्रपति के पास लंबित ‘शक्ति कानून’ विधेयक को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी थी कि महिलाओं के खिलाफ अभद्रता करने वालों के खिलाफ एक सख्त कानून ‘शक्ति’ होना चाहिए. महाराष्ट्र की बेटियों से हमारी सरकार का वादा था कि ऐसे मामलों की जांच 15 दिन के अंदर पूरी होगी और 30 दिन के अंदर ट्रायल शुरू हो जाएगा. लेकिन वह कानून अभी तक पास नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा कि 2022 में हमारी सरकार गिराने के बाद देवेंद्र फडणवीस गृह मंत्री बने और उन्होंने वादा किया था कि यह कानून जल्द पास होगा. लेकिन 2024 आ गया है, अब तक कानून नहीं बना.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि महिलाएं इतनी ज्यादा आक्रोशित हैं कि वे कहती हैं कि मुझे लाडली बहन योजना नहीं चाहिए, 1500 रुपये नहीं चाहिए. हमें बेटियों के लिए इंसाफ चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 20:29 IST