नई दिल्ली. भारत हजारों साल पुरानी सभ्यता और संस्कृति का गढ़ रहा है. यहां के कण-कण में सैकड़ों साल पुराने इतिहास के राज छुपे हैं. भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) और देश के विभिन्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की ओर से समय-समय पर गौरवशाली इतिहास के बारे में पता लगाने की कोशिश की जाती रहती है. केरल यूनिवर्सिटी के आर्केलॉजिकल डिपार्टमेंट के छात्रों ने गुजरात के कच्छ जिले के बंजर क्षेत्र में हजारों साल पहले संपन्न सभ्यता संस्कृति के फलने-फूलने का पता लगाया है. बता दें कि मौजूदा समय में कच्छ का यह इलाका बंजर है और वहां न तो इंसान और न ही जानवरों का बसेरा है. पुरातत्व विभाग के छात्रों ने 5200 साल पुरानी सभ्यता के बारे में पता लगाने का दावा किया है.
जानकारी के अनुसार, केरल यूनिवर्सिटी के आर्केलॉजिकल डिपार्टमेंट के छात्रों ने सिंधु घाटी सभ्यता को लेकर नए तथ्यों का पता लगाने का दावा किया है. पुरातत्व विभाग के छात्र ने शताब्दियों पुरानी सभ्यता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल किया है. छात्र गुजरात के खतिया गांव के समीप पड़ता बेत में हड़प्पा सभ्यता से जुड़ी नई चीजें मिलने का दावा किया है. कच्छ जिले में पड़ने वाले इस इलाके में आर्केलॉजिकल डिपार्टमेंट के छात्रों ने खुदाई के दौरान कई ऐसी चीजें हासिल करने में सफलता हासिल की है, जिससे सैकड़ों साल पुरानी बस्ती के आबाद होने का पता चला है. खुदाई में हड़प्पन सभ्यता से जुड़े नए तथ्य सामने आने से सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में दिलचस्प जानकारी मिलने की संभावना जताई जा रही है.
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हजारों साल पुरानी चीज मिलने का दावा
केरल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कच्छ के जिस क्षेत्र में खुदाई कर कई शताब्दी पहले यहां एक समृद्ध सभ्यता के फलने-फूलने का पता लगाने का दावा किया है, वह फिलहाल बंजर है और पानी की भी काफी कमी है. बता दें कि खुदाई हड़प्पा कालीन कब्रिस्तान से कुछ ही दूरी पर की गई थी. नए तथ्य सामने आने से मानव इतिहास की सबसे पुरानी और विकसित सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी के बारे में और ज्यादा पुख्ता जानकारी मिलने की संभावना है. बता दें कि सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी निशानियां पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा, गुजरात और पाकिस्तान में भी मिल चुकी हैं.
खुदाई में क्या-क्या मिला?
पड़ता बेत कच्छ में एक छोटी सी पहाड़ी एरिया है. ‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्व विभाग के छात्रों और सीनियर प्रोफसर्स ने दो विभिन्न इलाकों में खुदाई कर हड़प्पा काल से जुड़े अवशेष का पता लगाने का दावा किया है. 5200 साल पुरानी जानवरों की हड्डियों के अलावा मिट्टी के बर्तन और अन्य सामान मिले हैं. कुछ कलाकृतियां भी मिली हैं. इसके अलावा कुछ वृत्ताकार तो कुछ आयताकार ढांचा भी मिला है. ये ढांचे 200 बाय 200 मीटर के आकार के हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि सैकड़ों साल पुराने स्ट्रक्चर, कलाकृतियों और जानवरों की हड्डियों के मिलने से हड़प्पा काल में लोगों के व्यवसाय के बारे में भी पता चलता है.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 22:40 IST