‘फैसला देने वाला तू है कौन?’, रजत दलाल और अविनाश मिश्रा में हुई जुबानी जंग, जानें क्या है पूरा मामला


Rajat Dalal

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रजत दलाल और अविनाश मिश्रा की लड़ाई

बिग बॉस 18 के पिछले एपिसोड में, सारा अरफीन खान और करण वीर मेहरा के बीच टाइम गॉड टास्क के दौरान हाथापाई हो गई थी। इसके बाद एक्ट्रेस ने उनसे माफी भी मांगी और उन्हें यह भी कहते हुए सुना गया, ‘अगर मुझे कुछ बड़ा करना पड़ा तो मैं अपने वकीलों को बुलाऊंगी।’ सारा ने बिग बॉस से न्याय की मांग करते हुए करण वीर पर उसने धक्का देने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर, रजत दलाल और अविनाश मिश्रा इस घटना के बारे में बातचीत करते नजर आए। जहां उनकी बातचीत खतरनाक लड़ाई में बदल गई।

करण-सारा के मामले में कूदे रजत दलाल

बेडरूम एरिया में रजत दलाल ने अविनाश मिश्रा से बातचीत शुरू की और पूछा कि अगर कोई ईशा सिंह को धक्का दे तो उन्हें कैसा लगेगा। एक्टर ने कहा कि उन्हें बुरा लगेगा, लेकिन उसने क्या हरकत की है इस पर भी ध्यान देना होगा। रजत ने आगे बताया कि ‘करण वीर मेहरा ने सारा अरफीन खान को नहीं पकड़ा था… इसलिए वह गिर गईं।’ इस पर मिश्रा ने अपनी राय पेश करते हुए कहा, ‘खतरों के खिलाड़ी 14 के विनर ने सारा को एक तरफ करने के लिए पकड़ा था, लेकिन वह खुद ही गिर गईं।’ जब रजत ने सवाल किया कि क्या करण ने जो किया वह सही था तो अविनाश ने जवाब दिया कि सारा को भी समझाना चाहिए।

रजत दलाल-अविनाश मिश्रा में छिड़ी जुबानी जंग

अविनाश मिश्रा ने अपनी बात रखते हुए आगे बताया, ‘चाहत पांडे ने उन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं किया और शिल्पा शिरोडकर ने उन्हें पहले ही समझाने की कोशिश की थी। ये वुमन टास्क था।’ इसके बाद दलाल ने अविनाश से पूछा, ‘क्या ये चीज जायज है कि कोई भी आदमी पकड़ के किसी को धक्का दे? उसने सारा को नीचे गिरा दिया? मुझे सच पता है क्योंकि वह ठीक मेरे सामने खड़ा था।’ इस पर अविनाश ने कहा कि ‘करण गुस्से में था, लेकिन उसने चुम को बचाने के लिए यह किया।’ तब रजत ने कहा, ‘चूम के लिए चिंता थी, सारा के लिए नहीं थी? असल में सबको अपने फैसले सही लगते हैं। मत करों फैसले।’

रजत ने की अविनाश की बोलती बंद

जैसे ही अविनाश मिश्रा अपने दोस्त करण वीर का सपोर्ट करते हुए आगे बढ़ते हैं। रजत दलाल उसे कहते हैं, ‘तेरे हिसाब से हर चीज घर में थोड़ी चलेगी। तू कुछ भी बोलेगा और हम मान ले। फैसला देने वाला तू है कौन। तेरी सुविधा को तू तेरे तक रख। अपने के साथ हो तो गलत है, किसी और के साथ के हो जाए तो बढ़िया है।’





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