प.बंगाल को मोदी सरकार की सौगात, सीप्‍लेन को ऊंचाई पर पहुंचाने की कवायद शुरू | – News in Hindi – हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी


एक नई पहल: पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी का रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर हमेशा से सख्‍त ही रहे हैं. वहीं, इंडी गठबंधन बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को लेकर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का रुख कहीं अधिक तल्‍ख हो गया है. गाहे-बगाहे मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी मोदी सरकार पर पक्षपात का आरोप भी लगाती रही हैं. वहीं, बीते केंद्रीय बजट में हुई घोषणाओं के बाद उन्‍होंने मोदी सरकार पर पश्चिम बंगाल के साथ पक्षपात का आरोप भी लगाया था.

लेकिन, हकीकत इससे बिल्‍कुल परे है और इसकी बानगी कैबिनेट बजट में भी देखने को मिली है. मोदी सरकार ने बीती कैबिनेट मीटिंग में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पश्चिम बंगाल को नए सिविल एन्‍क्‍लेव की सौगात दी है. करीब 1549 करोड़ की लागत से बनने वाला यह सिविल इन्‍क्‍लेव सिलीगुड़ी स्थित बागडागरा एयरपोर्ट पर तैयार होगा. मोदी सरकार की कैबिनेट द्वारा एप्रूव किए गए प्रपोजल के अनुसार, इस सिविल इन्‍क्‍लेव में  करीब 70390 वर्ग मीटर का इंट्रीग्रेटेड टर्मिनल बिल्डिंग तैयार की जाएगी.

मोदी सरकार द्वारा प्रस्‍तावित इस सिविल एन्‍क्‍लेव से हर घंटे 3000 से अधिक यात्रियों का आवागमन हो सकेगा. साथ ही, सालाना करीब 10 मिलियन पैसेंजर बागडोगरा एयरपोर्ट से हवाई सफर की सुविधा उपलब्‍ध होगी. इस सिविल इन्‍क्‍लेव में 10 पार्किंग वे का निर्माण भी किया जाएगा, जिसमें A-321 टाइप के एयरक्राफ्ट को आसानी से ऑपरेट किया जा सकेगा. इस सिविल एन्‍क्‍लेव में दो लिंक टैक्‍सी वे और मल्‍टी लेबल पार्किंग वे का भी निर्माण‍ किया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी की इस सौगात से पश्चिम बंगाल में पर्यटन के साथ कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा. (फाइल फोटो)

जारी है सीप्‍लेन को ऊंचाई पर पहुंचाने की कवायद

सीप्‍लेन एक समय भारत में किसी सपने की तरह था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली एनडीए सरकार ने इस सपने को साकार करके दिखाया है. सीप्‍लेन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने भारत में सीप्लेन संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए है. मोदी सरकार की इस नई कोशिश से भारत की परिवहन व्‍यवस्‍था को विमानन परिदृश्य से न केवल एकीकृत करेगा, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देगा. मोदी सरकार के इस प्रयास से सीप्लेन देश के विकास, नवाचार और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के तौर पर देखा जाएगा.

आलोचना को दरकिनार कर सच कर दिखाया सपना

सीप्‍लेन स्‍कीम को लेकर मोदी सरकार को हमेशा से विपक्ष की आलोचना का सामना ही करना पड़ा है. विपक्षी हमेशा इस स्‍कीम को दूर का सपना बताते रहे हैं. लेकिन मोदी सरकार ने भारत की 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा, नदियों और झीलों के व्यापक नेटवर्क की पहचान का इस स्‍कीम को सफल बनाने की विस्‍तृत रूपरेखा तैयार कर ली है.



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