नई दिल्ली. चुनावी रणनीतिकार से नेता बनने की ओर पूरी योजना के साथ कदम बढ़ा रहे प्रशांत किशोर ने महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी की औपचारिक घोषणा करने का ऐलान किया है. उन्होंने साल 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने की बात भी कह चुके हैं. उनके ऐलान के बाद से ही उनकी पार्टी को लेकर तरह-तरह बातें की जाने लगी हैं. बिहार में जातिगत समीकरणों की भूमिका को देखते हुए भी सवाल उठाए जा रहे हैं. अब प्रशांत किशोर की संभावित राजनीतिक पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को लेकर बड़ी बात सामने आई है. साथ ही पार्टी का नेता चुनने का फॉर्मूला भी तय कर लिया गया है.
प्रशांत किशोर की राजनीतिक पार्टी का ढांचा कैसा होगा? पार्टी की सेंट्रल कमेटी में समाज के सभी वर्गों को किस तरह से उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और पार्टी के नेता का चुनाव कैसे होगा? प्रशांत किशोर के जन सुराज के प्रतिनिधियों ने इसके बारे में बड़ी बात कही है. प्रशांत किशोर इस बात को लेकर पहले से ही सतर्क और सजग हैं कि पार्टी में सभी जातियों और वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व हो सके. इसकी रूपरेखा भी तय कर ली गई, ताकि समाज के हर तबके के वोट बैंक को कैटर किया जा सके. बता दें कि बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरणों का काफी महत्व है. प्रदेश में कई प्रभावशाली जातियां हैं, जिनका वोट हासिल करना पार्टियों के लिए बड़ी चुनौती रहती है.
कैसी होगी सेंट्रल कमेटी?
प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से जुड़े प्रतिनिधियों ने बताया कि संभावित पार्टी में एक सेंट्रल कमेटी होगी. इस कमेटी में कुल 25 सदस्य होंगे. इन प्रतिनिधियों ने बताया कि सेंट्रल कमेटी में सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों को बराबर का प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. समाज के इन पांचों वर्गों के 5-5 प्रतिनिधियों को कमेटी में जगह दी जाएगी. बता दें कि बिहार की राजनीति में भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत, यादव, दलित और अल्पसंख्यकों का विभिन्न क्षेत्रों में दबदबा है. ऐसे में इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. बता दें कि सेंट्रल कमेटी और पार्टी की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए कम से कम 5000 प्रस्तावकों का होना जरूरी होगा.
पार्टी नेता का ऐसे होगा चुनाव
जन सुराज से जुड़े प्रतिनिधियों ने बताया कि सेंट्रल कमेटी के सभी 25 सदस्य मिलकर पार्टी का नेता चुनेंगे. पार्टी नेता का कार्यकाल 1 साल का होगा. इन्होंने बताया कि पार्टी का पहला नेता हाशिए पर रहने वाले समुदाय से होगा. इसके बाद अन्य समुदाय के लोगों को पार्टी के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. बता दें कि प्रशांत किशोर पहले ही बता चुके हैं कि वह पार्टी के लीडरशिप ग्रुप का हिस्सा नहीं होंगे. हालांकि, वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पूरी तैयारी कर लेना चाहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 20:01 IST