अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर ‘पुष्पाः द राइज’ का सीक्वल ‘पुष्पा 2: द रूल’ हर तरफ चर्चा में है। फिल्म 5 दिसंबर यानी गुरुवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन फिल्म ने बवाल काट दिया है। फिल्म ने पहले दिन रिकॉर्ड ब्रेकिंग कमाई की है और इसी के साथ साल 2024 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। ओपनिंग डे पर ही फिल्म ने 150 करोड़ से ऊपर का कलेक्शन कर लिया है। फिल्म को दर्शकों से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिल रहा है। किसी को अल्लू अर्जुन की फिल्म बढ़िया लगी तो किसी को खास पसंद नहीं आई। लेकिन, पुष्पा 2 का एक सीक्वेंस जरूर काफी चर्चा में है और वो है ‘गंगम्मा जतारा’ सीन, जिसमें अल्लू अर्जुन एकदम अलग रूप में दिखाई दे रहे हैं।
पुष्पा 2 में गंगम्मा जतारा सीक्वेंस की हो रही चर्चा
पुष्पा 2 के इस चर्चित सीक्वेंस में नीले रंग में रंगे अल्लू अर्जुन ने साड़ी पहनी है। इसके साथ ढेर सारे गहने और माला पहने हैं। कान में झुमके और नाक में बुलाक पहना है। सोने के गहने और पैरों में घुंघरू बांधकर अल्लू अर्जुन ने ‘गंगम्मा जतारा’ सीक्वेंस में अपना जलवा दिखाया। उनके इस लुक में एक-एक डिटेल का ध्यान रखा गया है, लेकिन सऊदी में इस 6 मिनट के सीन पर कैंची चला दी गई है। इस एक सीन पर मेकर्स ने 60 करोड़ की भारी-भरकम रकम खर्च की है। ऐसे में हर तरफ ये सवाल है कि आखिर ‘गंगम्मा जतारा’ किया है, जिसे पुष्पा 2 में दिखाया गया है और इसे फिल्माने में मेकर्स ने इतनी मोटी रकम खर्च की है। तो चलिए जानते हैं, गंगम्मा जतारा क्या है।
क्या है गंगम्मा जतारा?
पुष्पा 2 का ‘जतारा’ सीन एक धार्मिक उत्सव से जुड़ा है, जिसे ‘तिरुपति गंगम्मा जतारा’ कहते हैं, जो तिरुपति के मूल निवासियों द्वारा मनाया जाता है। यह एक वार्षिक उत्सव है, जो हर साल मई के पहले पखवाड़े में मनाया जाता है। गंगम्मा को श्री वेंकटेश्वर की छोटी बहन के रूप में पूजा जाता है। इस उत्सव के पीछे महिलाओं के सम्मान से जुड़ी एक पुरानी कहानी है। जतारा के दौरान तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम देवी गंगम्मा को भगवान वेंकटेश्वर की ओर से एक शुभ उपहार ‘पेरिसु’ भेजता है, जिसमें साड़ी, हल्दी, कुमकुम, चूड़ियां जैसे श्रृंगार का सामान रखा जाता है।
पुष्पा 2 में अल्लू अर्जुन ने दिखाई ‘जतारा’ की झलक
देवी गंगम्मा को धन्यवाद देने के लिए तिरुपति के मूल निवासी हर साल उत्सव मनाते हैं, जिसके हिस्से के रूप में भक्त मंदिर तक पैदल चलते हैं। पुरुषों द्वारा साड़ी पहने की रस्म को पेरेंटालु वेशम कहा जाता है, जो परंपरागत रूप से कैकला कबीले के द्वारा किया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले उत्सव ‘गंगम्मा जतारा’ के आखिरी दिन पुरुष पूजा करने के लिए महिलाओं के वेश में मंदिर जाते हैं। पुष्पा 2 के जरिए अल्लू अर्जुन भी सदियों पुराने इस अनुष्ठान को दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश करते दिखे। जिसकी काफी चर्चा हो रही है।