म्यूचुअल फंड के निवेश पर कंपाउंड इंट्रेस्ट मिलता है. एफडी और अन्य योजनाओं में सिपल इंट्रेस्ट मिलता है. एसआईपी में जुलाई के दौरान रिकॉर्ड निवेश आया है.
नई दिल्ली. छोटे और खुदरा निवेशकों को मुनाफा कमाने का फॉर्मूला मिल गया है. हर महीने लोग ताबड़तोड़ पैसे डाल रहे हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने आंकड़े जारी कर बताया कि जुलाई महीने में भी निवेशकों ने इस विकल्प में 23 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है. यह किसी महीने में किया गया अब तक का सबसे ज्यादा पैसा है. इस विकल्प में निवेशक इसलिए सबसे ज्यादा पैसा लगा, क्योंकि इसमें ब्याज की गणना एक खास फॉर्मूले पर होती है, जिसे महान साइंटिस्ट आईंस्टीन ने आठवां अजूबा बताया था.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं म्यूचुअल फंड के सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) की. एम्फी ने बताया है कि जुलाई महीने में एसआईपी यानी व्यवस्थिति निवेश योजना के जरिये मासिक योगदान बढ़कर अबतक के सर्वाधिक स्तर 23,332 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पहले के महीने में यह 21,262 करोड़ रुपये था. एम्फी के आंकड़ों के अनुसार यह लगातार 41वां महीना है जब इक्विटी फंड में शुद्ध रूप से निवेश प्रवाह बढ़ा है.
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क्या है आईंस्टीन का आठवां अजूबा
म्यूचुअल फंड के सिप और लम्पसम दोनों तरीके से निवेश किया जा सकता है. इन दोनों ही तरीकों में आपको कम्पाउंड इंट्रेस्ट यानी चक्रवृद्धि का फायदा मिलता है. अगर आप बैंक में एफडी कराते हैं तो इस पर सिर्फ सिपल यानी साधारण ब्याज ही मिलता है. कंपाउंड इंट्रेस्ट का मतलब है कि इस साल मिले ब्याज पर भी आपको अगले साल ब्याज दिया जाएगा. इस तरह साल दर साल ब्याज का पैसा मूलधन में जुड़ जाता है और आपका छोटा सा फंड भी बड़े कॉर्पस में बदल जाता है.
इक्विटी फंड में घट गया निवेश
एम्फी के अनुसार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश प्रवाह जुलाई महीने में मासिक आधार पर नौ प्रतिशत घटकर 37,113 करोड़ रुपये रहा है. बड़ी, छोटी और मझोली कंपनियों से जुड़े शेयरों में निवेश में कमी से कुल प्रवाह कम रहा. हालांकि, गिरावट के बावजूद जुलाई में शुद्ध रूप से निवेश प्रवाह का आंकड़ा किसी एक महीने में दूसरा सर्वाधिक है. जून में निवेश प्रवाह 40,608 करोड़ रुपये था.
निवेशकों में बढ़ा अनुशासन
एएमएफआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी वेंकट चालसानी ने कहा, ‘यह खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ते वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है. इससे उन्हें समय के साथ व्यवस्थित रूप से अच्छा-खासा कोष बनाने में मदद मिलती है.’ कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड उद्योग में समीक्षाधीन महीने में 1.9 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ, जबकि जून में 43,637 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. यह प्रवाह इक्विटी के साथ-साथ बॉन्ड योजनाओं में निवेश के जरिये हुआ. अगले तीन-चार साल में म्यूचुअल फंड उद्योग में निवेशकों की संख्या 10 करोड़ पार कर जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 18:49 IST