कोलकाता. आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर का शिकार बनी 31 साल की पीजी ट्रेनी डॉक्टर का सपना था कि वह गोल्ड मेडेलिस्ट डॉक्टर बने, परिवार का कर्ज चुकाए और अपने माता-पिता का जीवन सुधारे, जिन्होंने एक दर्जी की दुकान पर लंबे समय तक काम करके उसकी शिक्षा को आगे बढ़ाया. जिनकी बदौलत उसने कोलकाता के घनी आबादी वाले उपनगर सोदेपुर से आरजी कर मेडिकल कॉलेज तक का सफर तय किया. उसके माता-पिता, दोस्त, शिक्षक उसके लिए एक ही शब्द का इस्तेमाल करते हैं और वह है: योद्धा. रेप पीड़िता का नाम नहीं उजागर करने की इच्छा रखने वालों ने उसे अब निर्भया की तर्ज पर तिलोत्तमा नाम से बुलाना शुरू कर दिया है.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक उसके 67 साल के पिता ने बताया कि ‘हम एक गरीब परिवार हैं और हमने उसे बहुत मुश्किलों से पाला. उसने डॉक्टर बनने के लिए बहुत मेहनत की. हमारे सारे सपने एक ही रात में टूट गए.’उसकी मां ने कहा कि अब, हम बस यही चाहते हैं कि सभी दोषियों की गिरफ्तारी हो और उन्हें उचित सजा मिले. केवल यही उसकी आत्मा को शांति दे सकता है. परिवार में उसे उसके अच्छे एकेडमिक करियर और उसके मृदुभाषी व्यवहार के लिए एक रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाता था. एक रिश्तेदार ने कहा कि “उसने JEE और मेडिकल दोनों में सफलता हासिल की. उसने MBBS चुना और दो सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोर्स के लिए क्वालिफाई किया. आखिरकार, उसने कल्याणी में JNM मेडिकल कॉलेज अस्पताल चुना. जब उसने पीजी करने का फैसला किया, तो उसने दो मेडिकल कॉलेजों में क्वालिफाई किया और RG Kar को चुना. जो उसके सोदेपुर घर से लगभग एक घंटे की बस यात्रा की दूरी पर है.
हमेशा पढ़ाई में लगी रहने वाली इस बच्ची
हमेशा पढ़ाई में लगी रहने वाली इस बच्ची ने कक्षा 10 में 90 फीसदी और 12वीं में 89 फीसदी अंक हासिल किए. उसकी मां (62) ने कहा कि जब से उनका एकमात्र बच्चा पैदा हुआ था, तब से उनका जीवन केवल उसके इर्द-गिर्द ही घूमता था. वह हमारे लिए सब कुछ थी. हाल में ही उनके पिता ने भी अपने व्यवसाय में सफलता का स्वाद चखा था. उसके पिता एक दर्जी से एक कपड़ा निर्माता बन गए थे. उन्होंने हाल ही में एक नई कार खरीदी और अपने पुराने घर की मरम्मत कराई थी.
आरजी कर अस्पताल को अपना ‘दूसरा घर’ कहती थी
उसने श्वसन चिकित्सा को अपनी विशेषज्ञता के रूप में चुना था. आरजी कर मेडिकल कॉलेज कैम्पस को वह अपना ‘दूसरा घर’ कहती थी. उसने खुद को रोगियों के इलाज में डुबो दिया. लंबे काम के घंटे और एक व्यस्त शैक्षणिक कार्यक्रम ने उसे सोने के लिए भी कम समय दिया. 9 अगस्त को बिना ब्रेक के 36 घंटे की शिफ्ट और पढ़ाई के बाद वह कॉलेज के सेमिनार रूम में सो गई थी. जहां बाद में उसका शव पाया गया था.
Tags: Brutal rape, Doctor murder, Kolkata News, West bengal
FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 13:50 IST