नई दिल्ली. पंजाब में 2016 में नाभा जेल तोड़ने के मुख्य साजिशकर्ता रमनजीत सिंह उर्फ रोमी की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. रोमी पहले एक छोटा-मोटा चोर था और कभी कभार बैंक फ्रॉड किया करता था. बैंकिंग फ्रॉड के चलते रोमी अरेस्ट हुआ और सीधा नाभा जेल पहुंचा. नाभा जेल में 3 महीने बंद रहने के दौरान उसके संबंध अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर्स और आतंकवदी संगठनों से बन गए थे. इसके बाद वह अपने आपको बड़ा गैंगस्टर समझने लगा और हॉन्गकॉन्ग पहुंच गया और वहां जाकर एक ऐसी बड़ा क्राइम कर बैठा कि वापस भारत की जेल में पहुंच गया है.
रमनजीत रोमी पंजाब के भटिंडा शहर में पैदा हुआ और उसका परिवार रिश्तेदार हॉन्ग कॉन्ग में रहते थे. शुरुआती दौर में रोमी को एक छोटे चोर और क्रेडिट कार्ड आदि के जरिए बैंक फ्रॉड करने वाले अपराधी के तौर पर जाना जाता था. साल 2016 के पहले उसका कोई बड़ा आपराधिक रिकार्ड भी नहीं था. केवल इस बात के की उसकी कुख्यात गैंगस्टर रम्मी मसाना के साथ उसकी रिश्तेदारी थी.
जून 2016 में रोमी को नकली चीनी क्रेडिट कार्ड और टैक्स चोरी जैसे अपराध के साथ अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद वह नाभा जेल पहुंच गया. नाभा जेल में रोमी की मुलाकात आतंकवादी गुटों के नजदीकी लोगों और बड़े-बड़े गैंगस्टर से हुई. यही वह टर्म था जब रोमी खुद को बड़ा बदमाश गैंगस्टर मानने लगा. उसने जेल में बंद लोगों को हर तरह से सहयोग करने का वादा किया. अगस्त 2016 में वह जमानत पर बाहर आ गया और अवैध तरीके से अपने परिवार के पास हॉन्ग कॉन्ग भाग गया.
3 करोड़ की लूट करके फंसा रोमी
हॉन्ग कॉन्ग पहुंचने के बाद रोमी ने कई अपराधी गैंगस्टरों से संपर्क किया. इसके बाद रोमी ने पैसा और हथियार देकर नाभा जेल ब्रेक में अहम भूमिका निभाई. नाभा जेल ब्रेक के बाद रोमी खुद को बड़ा गैंगस्टर मानने लगा. उसने मार्च 2017 में हॉन्ग कॉन्ग में अपने कई साथियों के साथ मिलकर करेंसी एक्सचेंज से बैंक ले जाए जा रहे लगभग 3 करोड रुपए लूट लिए. इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी.
भारत ने सौंपा था रोमी का डोजियर
रोमी को उम्मीद थी कि वह हॉन्गकॉन्ग में भी भारत की तर्ज पर अपना मामला सुलझा लेगा, लेकिन उसे अपने इरादों में कामयाबी नहीं मिली. 21 फरवरी 2018 को हॉन्ग कॉन्ग पुलिस ने रोमी को इस डकैती के मामले में गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही रोमी कि भारत लौटने की उल्टी गिनती शुरू हो गई. पंजाब पुलिस में उसके खिलाफ नाभा जेल ब्रेक से लेकर उसके तमाम छोटे अपराधों आदि की लगभग 1200 पेजों का एक डोजियर बनाया, जिसे पूरे सबूतों और साक्ष्यों के साथ हांगकांग प्रशासन के समक्ष रखा.
हॉन्ग कॉन्ग में भी जेल ब्रेक को एक बड़ा अपराध माना जाता है. लिहाजा रोमी को वापस भारत भेजने का फैसला किया गया. रोमी और अन्य देशों में मौजूद उसके शुभचिंतकों को जब इसका पता चला तो उसने भारत की पुलिस द्वारा कथित अमानवीय व्यवहार की अर्जी हॉन्गकॉन्ग प्रशासन के समक्ष लगा दी.
पूरे तथ्यों पर विचार के बाद हॉन्गकॉन्ग प्रशासन ने उसे वापस भारत भेजना ही उचित समझा और वापस भारत भेज दिया. रोमी से पूछताछ के दौरान गैंगस्टर नेटवर्क की बाबत अनेक बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 15:36 IST