नई दिल्ली. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में गुरुवार को एक नया मोड़ आ गया. कोर्ट ने सीबीआई को अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के पॉलीग्राफी टेस्ट की इजाजत दे दी है. इतना ही नहीं मामले में सीबीआई को चार अन्य ट्रेनी डॉक्टर्स के पॉलीग्राफी टेस्ट की मंजूरी मिल गई है.
सीबीआई ने ट्रायल कोर्ट के सामने एक याचिका लगाकर कहा था कि संदीप घोष और चार ट्रेनी डॉक्टर झूठ बोल रहे हैं. उनकी सच्चाई का पता लगाने के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट कराए जाने की जरूरत है. सीबीआई ने कहा कि हम घोष के जवाबों की और अधिक पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे सवालों के कुछ उत्तरों में विसंगतियां हैं। इसलिए, हम उनपर पॉलीग्राफ परीक्षण करवाना चाहते हैं.
पॉलीग्राफ टेस्ट इस धारणा पर आधारित है कि जब कोई व्यक्ति झूठ बोलता है तो शारीरिक प्रतिक्रियाएं अलग होती हैं। कार्डियो-कफ या संवेदनशील इलेक्ट्रोड जैसे उपकरण व्यक्ति से जुड़े होते हैं और ब्लडप्रेशन, नसें, सांस, पसीने की गतिविधि में परिवर्तन आ जाता है। इन सभी चीजों को नापकर यह अंदाजा लगाया जाता है कि पॉलीग्राफी टेस्ट से गुजरने वाला व्यक्ति सही जवाब दे रहा है या गलत। उसके हर जवाब को एक संख्यात्मक मान दिया जाता है ताकि यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि व्यक्ति सच बोल रहा है नहीं.
FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 18:37 IST