अलवर. अगर आप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अपनी गाड़ी दौड़ा रहे हैं तो अलर्ट हो जाइए. गाड़ी संभलकर चलाइए. आपकी गाड़ी थोड़ी भी ओवर स्पीड हुई तो आपका चालान कटना तय है चाहे वहां कोई पुलिसकर्मी हो या नहीं हो. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हादसों की रोकथाम के लिए ई-चालान सिस्टम की शुरुआत की जा चुकी है. इस एक्सप्रेसवे पर अलवर जिले में रफ्तार से गाड़ी दौड़ा रहे 182 वाहन चालक अभी तक ई-चालान की जद में आ चुके हैं.
दरअसल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस की शुरुआत के बाद से ही यहां तेज रफ्तार के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं. यह हाईवे राजस्थान के अलवर, दौसा और सवाई माधोपुर से निकलता है. अकेले इन तीन जिलों में ही आए दिन इस एक्सप्रेसवे पर हादसे होते हैं. खासकर अलवर और दौसा जिले में तो हर दूसरे तीसरे दिन यहां हादसा होता है. स्मूथ रोड के फेर में वाहन चालक यहां रफ्तार में वाहनों को दौड़ते हैं. इन्हीं हादसों की रोकथाम के लिए अब एक्सप्रेसवे पर ई-चालान काटे जाने की व्यवस्था की गई है.
1 अगस्त से ई-चालान की व्यवस्था शुरू कर दी गई है
अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि बीते एक 1 अगस्त से एक्सप्रेसवे पर ई-चालान की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. इसके तहत अलवर जिले में 1 अगस्त के बाद अब तक 182 वाहन ओवर स्पीड में चलते हुए पाए गए हैं. उनका ई-चालान काटा गया है. इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात) की ओर से जारी निर्देशों पर 24 जुलाई को बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के बाद 1 अगस्त से पूरी तरह से ऑटोमैटिक पद्धति से ई-चालान काटने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
हादसों का हाईवे बन चुका है यह
उल्लेखनीय है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ही बाड़मेर के पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह और उनके परिवार का अलवर जिले में भीषण एक्सीडेंट हुआ था. उस हादसे में सिंह की पत्नी की मौत हो गई थी. वहीं पिछले दिनों सवाई माधोपुर जिले में एक परिवार कार अपने घर मध्यप्रदेश लौट रहा था. उस परिवार की कार आगे चल रहे ट्रक में फंस गई थ. उस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी. ये तो महज उदाहरण मात्र हैं. इस एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे एक्सीडेंट्स के कारण इसे हादसों का हाईवे भी कहा जाने लगा है.
FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 12:07 IST