दिल्ली के बाद यहां हुआ शराब घोटाला, डकार गए 19000 करोड़ रुपये, ED करेगी जांच


विशाखापत्तनम: दिल्ली के शराब घोटाले के बारे में कौन नहीं जानता है. इस केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनिष सिसोदिया सहित कई नेता तिहाड़ जेल में बंद हैं. ऐसे ही शराब घोटाले का खुलासा एक अन्य राज्य में हुआ है. जिसका तार आंध्र प्रदेश से जुड़ा हुआ है. यहां के नए मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू इस मामले में श्वेत पत्र जारी कर दिया है और इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि 2019-24 के बीच वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान राज्य को तकरीबन 19 हजार का नुकसान हुआ था.

इसी साल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की सत्ता में आए चंद्रमोहन बाबू नायडू ने पिछली सरकार के शराब नीति का समीक्षा करवाया, इसमें कई खामियां पाई गईं थी. पिछली सरकार के इस नीति का राज्य के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव भी नकारात्मक पाया गया. नायडू ने कहा कि यह राज्य का ‘सबसे बड़ा घोटाला’ है, साथ ही उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) से करवाने का आदेश दे दिया.

नायडू ने बताया कि 2019-2024 सरकार ने शराब की खपत को कम करने के लिए दरों में वृद्धी की, जिसके वजह से बाजार के साथ-साथ कंज्यूम करने वाले लोगों में भी भ्रम की स्थिती पैदा हो गई. साथ अतिरिक्त खुदरा उत्पाद शुल्क लगाने और उसके बाद के संशोधनों के कारण तस्करी और अवैध शराब बनाने में वृद्धि हुई. इसका असर ये हुआ कि पड़ोसी राज्यों को काफी फायदा हुआ. आलम ये रहा कि पड़ोसी राज्य तेलंगाना को 2019-24 में ₹42,762.15 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुआ, जो 2014-19 ₹4,186.70 करोड़ था.

वहीं, जगन मोहन रेड्डी ने अपने ऊपर लेग आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि उनकी नीति का उद्देश्य कीमतों में वृद्धि और लोगों के बीच शराब की खपत को कम करना था. उन्होंने कहा कि नायडू ने अपने 14 साल के पिछले कार्यकाल में लगभग 20 शराब फैक्ट्री में से 14 को अनुमति दी थी जबकि उनकी सरकार ने 2019 तक मौजूद किसी भी बेल्ट शॉप (अनधिकृत दुकान) को अनुमति नहीं दी. यह सुनिश्चित किया कि शराब केवल सरकारी दुकानों द्वारा ही बेची जाए.

Tags: Andhra Pradesh, Chandrababu Naidu, Illegal liquor, Jagan mohan reddy



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