भारत 17 अगस्त को डिजिटल प्रारूप में तीसरे ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों के लिए एक टिकाऊ भविष्य की दिशा में प्रयास करना है। यह शिखर सम्मेलन संघर्ष, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट तथा जलवायु परिवर्तन जैसी जटिल चुनौतियों पर पिछले सम्मेलनों में हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। शिखर सम्मेलन के पिछले संस्करणों में वैश्विक दक्षिण से 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत 17 अगस्त को तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस शिखर सम्मेलन का विषय एक टिकाऊ भविष्य के लिए सशक्त ‘ग्लोबल साउथ’ होगा। ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य अल्प विकसित देशों से है। बयान में कहा गया है, “यह अनूठी पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण के विस्तार के रूप में शुरू हुई है और यह भारत के वसुधैव कुटुम्बकम् (विश्व एक परिवार है) के दर्शन पर आधारित है।”
पीएम मोदी को बांग्लादेश में शांति की उम्मीद
इस कार्यक्रम से पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि जल्द ही बांग्लादेश में हालात बेहतर होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा ही बांग्लादेश का शुभचिंतक और दोस्त रहेगा। बांग्लादेश में व्यापक आंदोलन के बाद सरकार गिर चुकी है और अंतरिम सरकार बनने के बावजूद भारत के पड़ोसी देश में हिंसा का दौर जारी है। सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी यहां हिंसा थमने का नहीं ले रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित बांग्लादेश के अल्पसंख्क हिंदू हैं।
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