तिहाड़ से बाहर आते ही एक्शन में सिसोदिया,दिल्ली विधानसभा चुनाव की संभाली कमान


नई दिल्ली. दिल्ली शराब घोटाला केस में पिछले करीब डेढ़ साल से तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आते ही पूरे एक्शन में आ गए हैं. जेल के बाहर निकलते ही उन्होंने दिल्ली विधान सभा चुनाव की कमान संभाल ली है. मनीष सिसोदिया आज शाम 6 बजे आम आदमी पार्टी की बड़ी बैठक करेंगे, जिसमें पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल होंगे. यह बैठक मनीष सिसोदिया के आवास पर होगी. सबसे बड़ा सवाल है कि मनीष सिसोदिया क्या फिर से मंत्रिमंडल में किसी विभाग का कामकाज संभालेंगे या केवल आम आदमी पार्टी के लिए चुनावी रणनीति का कामकाज देखेंगे. फिलहाल पार्टी की बैठक से शुरुआत करके मनीष सिसोदिया ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं.

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवल के विश्वस्त सहयोगी मनीष सिसोदिया करीब 18 महीने की कैद के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए और पार्टी को कई झटकों के बीच एक नया बल दिया. सात बार खारिज हो चुकी याचिकाओं के बाद आम आदमी पार्टी द्वारा अपने नेता को देरी से सुनवाई का हवाला देते हुए जेल से बाहर निकालने का यह आठवां प्रयास था. 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद से उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी गई थी. सिसोदिया को पिछले साल अदालत से मंजूरी मिलने के बाद कुछ समय के लिए उनकी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी.

मनीष सिसोदिया ने कई भूमिकाएं निभाई
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कई भूमिकाएं निभाई हैं. माना जाता है कि 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद से AAP के उदय में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वह आप की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य भी रहे हैं, जो इसकी सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है. मंत्रिमंडल की जिम्मेदारियों को छोड़ने से पहले, सिसोदिया ने 18 महत्वपूर्ण विभागों को संभाला, जिनमें शिक्षा, वित्त, भूमि और भवन योजना, सतर्कता सेवाएं, महिला एवं बाल विकास, साथ ही कला, संस्कृति और भाषाएं शामिल हैं.

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सिसोदिया पार्टी के ‘थिंक टैंक’
पिछले साल 28 फरवरी को उन्हें दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके दो दिन बाद सीबीआई ने उन्हें अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था. आप ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मनीष सिसोदिया को दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली में ‘क्रांतिकारी बदलाव’ लाने का श्रेय दिया है. AAP की 26 नवंबर 2012 को स्थापना के बाद से ही सिसोदिया पार्टी के ‘थिंक टैंक’ के रूप में काम करते रहे हैं और प्रमुख नीतिगत फैसले और योजनाएं बनाते रहे हैं.

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