नई दिल्ली. चीन ने तिब्बत में अपने निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ा दी है और अब वह एलएसी पर तेजी से नए गांव बसाने लगा है. पिछले 6 सालों से चीन इस तरह के गांवों को तैयार करने में जुटा है. सूत्रों की मानें तो करीब 630 से ज्यादा ऐसे गांव एलएसी के पास बना रहा है. इनमें से 500 से ज्यादा गांव तैयार हो चुके हैं. चीन तिब्बत में विकास करके न सिर्फ तिब्बत के लोगों को खुश करना चाहता है बल्कि उनसे फायदा भी उठाना चाहता है. वह यहां के लोगों को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है. चीन इन्हें बॉर्डर डिफेंस विलेज कह रहा है.
खाली गांवों में टिका देगा अपनी सेना!
चीन ने तिब्बत में हाई स्पीड हाइवे, हाई स्पीड रेलवे, नए बांध भी तैयार करने शुरू कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, उनके कब्जे की जमीन पर नाराज लोगों की नाराजगी दूर करने के नाम पर उन्हीं को बलि का बकरा बनाया जा सकता है.. चीन एलएसी पर एसे गांव तैयार कर रहा है जहां पर न सिर्फ लोगों को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है बल्कि एसे गांव तैयार कर रहा है जहां रहने वाले तो न के बराबर है लेकिन भविष्य में किसी भी जंग के दौरान वो अपनी सेना को जरूर टिका सकता है.
सूत्रों के मुताबिक LAC के करीब बनाए घरों में अब लोग दिखाई देने लगे हैं. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अब चीन तिब्बत के इलाकों में एक दूसरे से दूर रहने वाले घरों के लोगों को एक जगह इकट्ठा करने के अपने प्लान को अमली जामा पहनाना शुरू कर चुका है. लेकिन, जितने घर बनाए गए हैं उनमें अधिकतर अब भी खाली हैं.
2021 में कानून किया था पास, अब कर दिया लागू…
चीन ने दिसंबर 2021 को लैंड बॉर्डर कानून पास किया है जो कि 1 जनवरी 2022 से लागू हो गया जिसके मुताबिक बॉर्डर वाले इलाके में नागरिकों को बसाने की तैयारी थी. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बात की तसदीक दी थी कि चीन इनका किस तरह सिविल और मिलिट्री दोनों तरह से दोहरा इस्तेमाल कर सकता है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एलएसी के पास चीन के यह मॉर्डन विलेज विजुवल रेंज में हैं.
PLA तैयार कर रही है नए तरह के कंक्रीट मोर्चे और बंकर
2020 में भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में हुए तनाव के बाद से चीन ने पूरी LAC के करीब बडी तेजी से अपने सैन्य निर्माण शुरू किए जिसमें सर्वेलांस टावर, हैलिपैड, रोड और ब्रिज शामिल हैं. इसके अलावा उसने कुछ अलग तरह के बंकर बनाने शुरू किए जोकि अंग्रेज़ी के डी अक्षर की तरह दिखाई देते हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्किम के नूथुला में LAC से कुछ किलोमीटर दूर ही ऐसे सीमेंट के पक्के स्ट्रक्चर तैयार किए हैं जो देखने में ऐसे लगते हैं कि वे सैनिकों के मोर्चा संभालने की जगह हैं.
खास बात तो ये कि ये सभी मोर्चे सड़क से सीधे जुड़े हुए है, अगर चीनी सैनिकों को कभी पोजिशन लेनी पड़ी तो वो बडी तेजी से सड़क के रास्ते वहां पहुंच सकते हैं. बड़ी संख्या में अंडरग्राउंड स्टोरेज और एम्यूनेशन डंप भी तैयार कर डाले हैं. पहले इस तरह के स्ट्रक्चर LAC से दूर होते थे लेकिन अब से नजदीक दिखाई देने लगे हैं.
अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर 5 विवादित पॉइंट हैं जहां भारत और चीन दोनों अपना दावा करते हैं. LAC पर दोनों देशों के सैनिक कहीं पर 100-200 मीटर की दूरी पर तैनात हैं तो कहीं पर यह दूरी 3 किलोमीटर तक है. बहरहाल चीन की ये सब तैयारियां ये बताने के लिए काफी हैं कि भारत की ताकत से वह डरा हुआ है और एक बार फिर डोकलाम और पूर्वी लद्दाख जैसी फजीहत से बचना चाहता है.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 14:57 IST