'ड्रग रैकेट, सेक्स रैकेट या कुछ और', पिता के बाद अब जूनियर डॉक्टर्स का छलका दर्द, कहा- मैंने जान देने की कोशिश की


RG Kar Hospital Doctor Murder: कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है. सीबीआई इस मामले को सुलझाने में लगी है. हर दिन हो रहे नए खुलासे से कोलाकाता डॉक्टर की मर्डर मिस्ट्री उलझ गई है. इस बीच ट्रेनी डॉक्टर की पिता के खुलासों से सस्पेंस और गहरा गया है. ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने पिछले सप्ताह मीडिया को बताया था कि उनकी बेटी आरजी कर अस्पताल में दबाव में थी और वह वहां नहीं जाना चाहती थी. इस बयान के बाद से ही इस बात को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया था कि आखिर पीड़िता किस तरह के दबाव से गुजर रही थी. अब जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने CNN-News18 को बताया है कि जो कोई भी प्रिंसिपल और उनके गुट का समर्थन नहीं करता था, उसके साथ ऐसा ही व्यवहार होता था.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक इंटर्न ने CNN-News18 को बताया, ‘दूसरे साल तक मेरे नंबर ठीक थे. सब कुछ अच्छा चल रहा था. फिर मैंने हॉस्टल में कॉमन रूम की मांग को लेकर एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इसके बाद मुझे तीसरे साल की परीक्षा में फेल कर दिया गया, हॉस्टल से निकाल दिया गया और सोशली इतना अलग-थलग कर दिया गया कि मैंने खुद को खत्म करने की कोशिश की.’

अपने साइकेट्री (मनोरोग) वार्ड के एडमिशन पेपर आत्महत्या के प्रयास के दौरान के ट्रीटमेंट कार्ड और अपनी कलाई पर पड़े निशान को दिखाते हुए इंटर्न ने कहा कि वह अभी भी अपना नाम और चेहरा उजागर करने से डरता है. उसने कहा, ‘संदीप घोष को भले ही प्रिंसिपल पद से हटा दिया गया हो, लेकिन उनके समर्थक नजर रख रहे हैं. अगर उन्हें पता चल गया कि मैंने बात की है तो वे मेरी क्लियरेंस रुकवा सकते हैं और मेरा करियर बर्बाद कर सकते हैं. लेकिन हम कब तक इस डर में जी सकते हैं?’

एक अन्य मेडिकल स्टूडेंट ने कहा, ‘दीदी (पीड़िता) के साथ जो हुआ वह हम में से किसी के साथ भी हो सकता था. आरजी कर में संदीप घोष को प्रिंसिपल बनाए रखने का समर्थन करने वालों को ही गोल्ड मेडल या हाउस स्टाफ की भूमिकाएं मिलीं. जिस किसी ने भी थोड़ी भी आवाज उठाई, उसे काम के अनुचित घंटे दिए गए और हर तरह के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा.’

मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि 9 अगस्त को रेप और मर्डर के बाद संदीप घोष के करीबी छात्रों को विरोध प्रदर्शन शुरू करने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. चेस्ट मेडिसीन विभाग के स्टूडेंट ने कहा, ‘ये सीनियर्स आए और उन्होंने फर्स्ट और सेकंड ईयर के जूनियर्स से कहा कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की कोई जरूरत नहीं है’. यह पूछे जाने पर कि उनके अनुसार संदीप घोष का प्रिंसिपल बने रहना क्यों जरूरी था, तो ऑर्थोपेडिक इंटर्न ने कहा, ‘जाहिर है कि वो कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे थे. हम छात्र हैं, इसलिए नहीं जानते कि यह ड्रग रैकेट था या सेक्स रैकेट या कुछ और. सीबीआई को हमें यह बताना चाहिए. लेकिन जिस तरह से उनके गुट ने 2021 में एक नए प्रिंसिपल को कार्यभार नहीं संभालने दिया और फिर विरोध करने वाले किसी को भी निशाना बनाया, इससे पता चलता है कि कुछ न कुछ तो छिपाना था.’

दरअसल, ये आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं, जब सीबीआई ने लगातार चौथे दिन संदीप घोष से पूछताछ की. संदीप घोष ने अग्रिम जमानत की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है. शुक्रवार से 12-14 घंटे तक उनकी लगातार पूछताछ से गिरफ्तारी की अटकलें लगाई जा रही हैं. बता दें कि कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीजी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद नौ अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने रॉय को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को सीबीआई को कोलकाता पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था.

Tags: Kolkata News, Kolkata Police



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *