डेब्यू रोल से कमाए थे 50 रुपए, 8 साल तक रहे बेरोजगार, एक टीवी शो ने बदल दी जिंदगी


Sharad Sankla- India TV Hindi

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चार्ली चैप्लिन के नाम से मशहूर है ये कॉमेडियन

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के शरद सांकला को एक दुकानदार अब्दुल की भूमिका के लिए जाना जाता है, जिसकी दुकान गोकुलधाम सोसाइटी के लोगों के लिए एक चाय पर चर्चा के लिए खास अड्डा है। इस शो के अलावा वह कई फिल्मों में बॉलीवुड सुपरस्टार्स के साथ काम कर चुके हैं। आज भले ही वह किसी पहचान के मोहताज न हो, लेकिन एक समय ऐसा था जब उन्हें कोई नहीं जानता था। उन्होंने अपने करियर में बहुत संघर्ष किया है। शरद ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत 1983 की फिल्म ‘दुर्देश’ से की थी। 90 के दशक में, उन्होंने मशहूर कॉमेडियन चार्ली चैपलिन के हाव-भाव की नकल करके लोगों का दिल जीत लिया था। 1990 के दशक में उन्हें चार्ली कहा जाता था और ‘खिलाड़ी’ और ‘बाजीगर’ जैसी फिल्मों में भी उन्हें चार्ली का किरदार निभाया था।

बॉलीवुड का चार्ली चैपलिन है ये एक्टर

पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में शरद सांकला ने खुलासा किया था, उन्होंने 29 फिल्मों में चार्ली चैपलिन का किरदार निभाया था। उन्हें अपने पहले ऑन-स्क्रीन काम के लिए केवल 50 रुपए मिले थे। कई फिल्मों में काम करने के बावजूद, उनके करियर में एक ऐसा दौर भी आया जब उन्हें काम के लिए संघर्ष करना पड़ा था। वह अपने पोर्टफोलियो के साथ कई निर्माताओं से संपर्क करते थे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा था। अभिनेता ने अपने बुरे दौर में सहायक निर्देशक और सहायक कोरियोग्राफर के रूप में भी काम किया। वहीं 8 साल बेरोजगार रहने के बाद TMKOC के निर्माता असित मोदी ने शरद को एक मौका दिया था। बता दें कि दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी हैं।

एक टीवी शो से पलट गई किस्मत

असित मोदी ने अपनी एक छोटी सी भूमिका के लिए शरद से संपर्क किया था। शरद इस भूमिका को करने के लिए उत्सुक नहीं थे, लेकिन पैसों के लिए उन्हें हां बोलना पड़ा और इस किरदार से उन्हें टीवी जगत में एक खास पहचान दिला दी। तब से अब्दुल लोगों के पसंदीदा किरदार बन गए हैं और अपना एक अलग फैनबेस बना लिया है। कई फिल्मों में काम करने के बाद भी उन्हें वो पहचान नहीं मिली थी जो उन्हें ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के अब्दुल से मिली है। अब्दुल के किरदार ने न केवल उन्हें प्रसिद्धि दिलाई बल्कि लाखों दर्शकों के दिलों में एक खास जगह भी बना ली है। दर्शकों का मनोरंजन करते हुए, शरद इस बात का एक शानदार उदाहरण हैं कि कैसे जुनून सफलता की ओर ले जा सकता है, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों।





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