बी-प्राक ने हाल ही में अपनी जिंदगी के बुरे दौर को याद किया और बताया कि उनके घर में एक-एक कर तीन मौतें हुई थीं, जिसने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया था। उन्होंने पहले अपने पिता, फिर चाचा और फिर बेटे को खो दिया, जिसका परिवार पर बहुत बुरा असर पड़ा था। उन्होंने साथ ही ये भी खुलासा किया कि अपने मृत बेटे को अपनी गोद में उठाना उनके लिए सबसे भारी पल था। ऐसे ही पिछले दिनों बॉलीवुड के एक और एक्टर ने अपने बेटे को खोने का दर्द बयां किया था। हम बात कर रहे हैं ‘हीरामंडीः द डायमंड बाजार’ फेम शेखर सुमन की। शेखर सुमन ने अप्रैल 2024 में उस पल का जिक्र किया था, जब वह पहली बार रोए थे। ये वो पल था, जब उन्होंने अपने बेटे आयुष को खो दिया था और इससे वह बुरी तरह टूट गए थे।
जब 10 साल के बेटे की हो गई थी मौत
सिद्धार्थ कनन के साथ बातचीत में शेखर सुमन ने अपनी जिंदगी के सबसे दर्दनाक पल का खुलासा किया था। उन्होंने उस असहनीय दर्द के बारे में बात की थी जब उन्होंने अपने 10 साल के बेटे आयुष को खो दिया था। इस दौरान उन्होंने बताया कि अपने बेटे को खोने के बाद उनकी जीने की इच्छा ही खत्म हो गई थी। जब उन्होंने अपने मृत बेटे के शव को देखा तो उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था और उन्होंने अपना सिर जमीन पर पटकना शुरू कर दिया। वह जमीन पर अपना सिर पटक-पटकर बुरी तरह रोने लगे।
बेटे आयुष की मौत से टूट गए थे अध्ययन सुमन
बातचीत के दौरान शेखर सुमन फिर अपने बेटे को याद करके इमोशनल हो गए और बताया था कि बेटे की मौत से वह इस कदर टूट गए थे कि उनके अंदर सफलता और पैसा कमाने की इच्छा भी खत्म हो गई थी। वह खुद को खत्म महसूस कर रहे थे और सिर्फ परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे थे। लेकिन उनके अंदर जीने की इच्छा खत्म हो चुकी थी।
बेटे अध्ययन की तारीफ सुन इमोशनल हो गए थे शेखर सुमन
शेखर सुमन ने इस दौरान बेटे अध्ययन सुमन का भी जिक्र किया था और बताया था कि जब हीरामंडी में संजय लीला भंसाली ने बेटे के काम की तारीफ की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। बता दें, हीरामंडी में शेखर सुमन के साथ उनके बेटे अध्ययन सुमन ने भी काम किया है। सीरीज में शेखर सुमन जुल्फीकार के किरदार में दिखे और अध्ययन सुमन जोरावर अली खान के रोल में नजर आए थे।