भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शुक्रवार को चांद के हजारों रहस्यों से पर्दा उठाएगा. इस दौरान सबकी निगाहें धरती के इस एक मात्र उपग्रह पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि पर रहेगी. इसके साथ ही चांद की सतह और वहां के वायुमंडल के बारे में काफी जानकारी मिलने की संभावना है. इसरो पहले भी चांद पर पानी की मौजूदगी की संभावना जता चुका है.
दरअसल, इसरो चंद्रयान-3 की वर्षगांठ पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई हजारों तस्वीरों को जारी करेगा. बीते साल 23 अगस्त को ही इसरो ने चंद्रायान को रवाना किया था. इसके साथ ही भारत चांद पर मिशन भेजने के मामले में सोवियत संघ, अमेरिका और चीन के बाद चौथा राष्ट्र बन गया था.
बीते साल चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान उतरा था. इसी साल मई में इसरो ने चंद्रायान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई हाईरिजोल्यूशन तस्वीरें जारी की थी. अन इन नई तस्वीरों से चांद के बारे में कई अहम रहस्यों के खुलने की संभावना है.
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग के बाद भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया था. दरअसल, चांद का दक्षिणी इलाके की भौगोलिक पृष्ठभूमि बहुत जटिल है. ऐसे में वहां सफलता पूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करवाना एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि थी.
FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 24:03 IST