Assam News: असम में एक लड़की से हुई बदसलूकी के मामले में जो सामने आया है वह बताता है कि कभी कभी माफी मांगना भी जरूरी होता है. इसमें गैर असमी लोगों ने घुटनों के बल बैठकर माफी मांगी है. दरअसल पिछले हफ्ते असम के शिवसागर में 17 वर्षीय लड़की पर कथित हमला किया गया जिसके बाद मचे बवाल के बाद माफी मांगने के लिए संबंधित समुदाय ने ऐसा किया.
यह शहर में गैर-असमिया व्यापार मालिकों के खिलाफ एक बड़े विरोध प्रदर्शन में बदल गया. इसके बाद उग्रवादी ग्रुप उल्फा (आई) ने बाहरी लोगों (गैर असमी) लोगों को धमकी देनी शुरू कर दी. इसके बाद मारवाड़ी ग्रुप्स की ओर से गए प्रतिनिधियों ने एक कैबिनेट मंत्री की उपस्थिति में बाकायदा घुटने टेककर माफी मांगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 अगस्त को इस कथित हमले के बाद दो लोगों को बीएनएसएस और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों की पहचान मारवाड़ी समुदाय के स्थानीय व्यापारियों के रूप में की गई. इसी के बाद मामला गैर असमी बनाम असमी हो गया. राज्य में 30 असमिया राष्ट्रवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और गैर-असमिया लोगों की दुकानों के शटर डाउन कर दिए.
डेकन हेराल्ड के मुताबिक, जिस वक्त लोगों ने माफी मांगी उस वक्त वहां उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, राष्ट्रवादी संगठनों के प्रतिनिधि, लोकल मीडियाकर्मी भी शामिल थे. शिवसागर के मारवाड़ी समुदाय ने भी रुपये के मुआवजे की घोषणा की। इसके लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की.
FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 12:30 IST