गलती हो गई… फिर बोले बारामती छोड़ दूंगा… अजित पवार के इन बयानों से क्यों मची खलबली?


लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार झेलने वाली एनसीपी अब मझधार में फंस गई है. पार्टी को समझ में नहीं आ रहा है कि उसे किस दिशा में बढ़ना चाहिए. सिर पर विधानसभा चुनाव है. लेकिन, इससे पहले पार्टी का नेतृत्व पूरी तरह कंफ्यूज दिख रहा है. दरअसल, चाचा शरद पवार से बगावत कर अजित पवार ने एनसीपी पर कब्जा जमाया था. लेकिन, 84 साल के वयोवृद्ध चाचा ने उनको लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे निपटाया कि वह अब कहीं के नहीं दिख रहे हैं. शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. उन्होंने अपनी चाणक्य नीति से अजित पवार को पूरी तरह बैकफूट पर ला दिया है.

बीते दिनों उन्होंने एक बयान दिया था कि बारामती लोकसभा सीट पर चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को उतारना एक बड़ी गलती थी. उनके इस बायन के कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं. इस कारण एनसीपी का पूरा कैडर और नेतृत्व कंफ्यूजन की स्थिति में है. अब अजित पवार ने गुरुवार को एक और बयान देकर हड़कंप मचा दिया. अजीत पवार ने पुणे की एक सभा में कहा कि वो अब बारामती से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि 7-8 बार बारामती से चुनाव लड़ने के बाद अब उनका मन बारामती से चुनाव लड़ने का नहीं है.

पवार परिवार की कर्मस्थली
दरअसल, बारामती पवार परिवार की कर्म स्थली रही है. जब एनसीपी एक थी तब बारामती विधानसभा से अजित पवार और बारामती लोकसभा सीट से शरद पवार और उनके बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले चुनाव लड़ते और जीतते रहे हैं. लेकिन, बीते चुनाव में परिवार के भीतर ही दो फाड़ हो गया. फिर बारामती लोकसभा चुनाव में जनता का प्यार शरद पवार यानी उनकी बेटी को मिला.

अजित पवार के इस ताजा बयान के बाद उनके गुट ने नेताओ में खलबली मच गई है. एनसीपी नेताओं का कहना है कि वे अजित पवार को मानने की कोशिश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक अजित पवार अब बारामती से अपने छोटे बेटे जय पवार को उतार सकते हैं. वहीं, दूसरी तरफ से शरद पवार गुट बारामती से अजित पवार के भाई के बेटे योगेंद्र पवार को उतरने की तैयारी कर रहा है. अजित पवार ने पहले भी बयान दिया था कि बारामती से लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उतरना अब तक की सबसे बड़ी गलती थी.

Tags: Ajit Pawar, Sharad pawar



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