NCERT : एनसीईआरटी ने पिछले कुछ समय में पाठ्यपुस्तकों में कई बड़े बदलाव किए हैं. जिसको लेकर हंगामे होते रहते हैं. इसी कड़ी में एनसीईआरटी पर एक नया आरोप लगा है. आरोप है कि एनसीईआरटी ने अपनी पाठ्य पुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटा दी है. इस पर पहले एनसीईआरटी ने और फिर अब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया है. कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि कक्ष 3 और कक्षा 6 की कई किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटा दी गई है. इसके खिलाफ सबको आपत्ति दर्ज करानी चाहिए.
इस आरोप पर एनसीईआरटी ने कहा है कि पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाने के आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है. एनसीईआरटी पहली बार संविधान के विभिन्न पहलुओं- प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार और राष्ट्रगान को बहुत अधिक महत्व दे रहा है. इन सभी को विभिन्न चरणों की पाठ्यपुस्तकों में रखा जा रहा है.
एनसीईआरटी ने आरोप पर क्या कहा?
एनसीईआरटी में पाठ्यक्रम अध्ययन और विकास विभाग की प्रमुख प्रोफेसर रंजना अरोरा ने कहा, यह मानना कि सिर्फ संविधान की प्रस्तावना ही संविधान और संवैधानिक मूल्यों को दर्शाती है, त्रुटिपूर्ण और संकीर्ण समझ है. हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन का पालन करते हुए बच्चों समग्र विकास के लिए सभी को समान महत्व देते हैं.
The allegations regarding the removal of the Preamble from the NCERT textbooks do not have a sound basis.
For the first time NCERT is giving great importance to various facets of the Indian Constitution- Preamble, Fundamental Duties, Fundamental Rights and the National Anthem.…
— NCERT (@ncert) August 5, 2024