क्‍या है ये निजुत मोइना? हिमंत सरकार की इस योजना से क‍िसको होगा फायदा और…


गुवाहाटी. असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह को खत्म करने के लिए सरकारी और सहायता प्राप्त शिक्षा संस्थानों में हाई स्कूल से पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक की छात्राओं के लिए हर महीने स्कॉलरशिप के लिए गुरुवार को अपनी नई योजना शुरू की. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि नई योजना का नाम ‘निजुत मोइना’ है. इसका उद्देश्य बाल विवाह को रोकने की दिशा में एक रचनात्मक कदम उठाना है. असम पुलिस द्वारा बाल विवाह के खिलाफ दो बड़ी कार्रवाई में 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार करने के एक साल बाद यह योजना शुरू की गई है. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि ‘यह योजना सबसे लिए होगी और जो लोग इसका लाभ नहीं उठाना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से इससे बाहर निकल सकते हैं.’

असम सरकार की निजुत मोइना योजना के तहत छात्राओं को शैक्षणिक वर्ष के 10 महीनों के लिए स्कॉलरशिप की मदद दी जाएगी. हाई स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को 10 महीने तक हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे. ग्रेजुएट स्तर की छात्राओं के लिए मासिक राशि 1,250 रुपये होगी और पोस्ट- ग्रेजुएट स्तर की छात्राओं के लिए यह 10 महीने तक हर महीने 2,500 रुपये होगी. योजना का लाभ शुरू में छात्राओं के पहले वर्ष के लिए होगा. लेकिन दो शर्तों के अधीन इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है- वे हैं कक्षाओं में तय उपस्थिति और ‘चरित्र’ रिकॉर्ड बनाए रखना.

बाल विवाह रोकने की बड़ी पहल
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बहरहाल यह योजना उन लड़कियों पर लागू नहीं होगी जो हाईस्कूल या ग्रेजुएट स्तर पर विवाहित हैं, न ही मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की बेटियों पर यह लागू होगी. यह उन लोगों पर भी लागू नहीं होगा जो हाई स्कूल स्तर पर प्रथम श्रेणी हासिल करने के लिए राज्य सरकार से स्कूटर प्राप्त करती हैं. उन्होंने कहा कि ‘हम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 में देखते हैं, एक बात यह कही गई है कि असम में 31.8 प्रतिशत लड़कियां 20-24 वर्ष की आयु के बीच मां बनीं. इसका मतलब है कि उनकी शादी 18 साल से पहले हो जानी चाहिए और मूल रूप से, 30 प्रतिशत महिलाओं की शादी 18 से 21 साल के बीच होती है. नतीजतन, वे पोषण और शिक्षा से वंचित हो जाती हैं और घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं.’

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मध्य और निचले असम में बाल विवाह सबसे अधिक
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मध्य और निचले असम में बाल विवाह सबसे अधिक है. दक्षिण सलमारा और धुबरी जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में हो जाती है. हमारा मानना ​​है कि सबसे बड़ा हथियार शिक्षा है. अगर हम लड़कियों की पढ़ाई करने की उम्र को एक या दो साल भी बढ़ा सकें, तो हम बाल विवाह और किशोर गर्भावस्था को खत्म कर पाएंगे.” उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले चार साल में 1,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित खर्च के साथ 10 लाख लाभार्थियों तक इस योजना को पहुंचाना है.

Tags: Child marriage, CM Himanta Biswa Sarma, Himanta biswa sarma, New Scheme



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