क्या साइकोलॉजीकल टेस्ट से खुलेगा उस 35 मिनट का राज? CBI पूछ सकती है ये सवाल


नई दिल्ली. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किए गए आरोपी संजय राय का साइकोलॉजीकल टेस्ट कराने का फैसला किया है. इसके जरिये सीबीआई मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में महिला डॉक्टर की रेप और हत्या की वारदात का खुलासा होने की उम्मीद कर रही है. सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्या होता है सीबीआई का साइकोलॉजीकल टेस्ट? दरअसल इस टेस्ट को साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी यानी की अपराधी के दिमाग का साइकोलॉजीकल पोस्टमार्टम करना कहते हैं. 5 डॉक्टरों की सीबीआई की CFSL टीम ये टेस्ट करने कल कोलकाता पहुची है. वो संजय राय से कुछ सवाल करेगी. जिसके लिए बाकायदा सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की जा रही है.

इस टेस्ट में संजय राय के दिमाग का अध्ययन या यूं कहें कि उसके दिमाग का मनोवैज्ञानिक तरीके से पोस्टमार्टम किया जाएगा. इस टेस्ट के लिए सीबीआई को किसी तरह से कोर्ट की परमिशन की जरूरत नही पड़ती है. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस टेस्ट के जरिए और इस टेस्ट के नतीजों के बाद जरूरत के हिसाब से आरोपी का कोर्ट की परमिशन से ब्रेन मैपिंग लाई डिडेक्टर नार्को टेस्ट करवाया जा सकता है. इस टेस्ट में सीबीआई लेयर्ड वॉइस एनेलिसिस यानी झूठ पकड़ने के एक उपकरण में संजय रॉय की आवाज को डाल सकती है. उस वॉइस के जरिये यह पता चल सकता कि आरोपी से जो सवाल पूछे गए, उनके जवाब देते वक्त वो सच बोल रहा है या नहीं.

सीबीआई के संजय रॉय इस टेस्ट के दौरान यह सवाल पूछ सकती है:

FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 11:00 IST



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