क्‍या बांग्‍लादेश को डुबाकर मानेगा भारत? पड़ोसी देश में बाढ़ से मचा हाहाकार


नई दिल्‍ली. बांग्‍लादेश में शेख हसीना का तख्‍ता पलट होने के बाद हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. पड़ोसी देश की ओर से भारत पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं. अब एक और साजिश रची जा रही है. दरअसल, बांग्‍लादेश इन दिनों बाढ़ की चपेट में है और भारत को इसके लिए जिम्‍मेदार ठहरा रहा है. पड़ोसी देश में इसको लेकर लगातार झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं. बांग्‍लादेश शासन की ओर से भी आरोप लगाए गए हैं. अब नई दिल्‍ली ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए बांग्‍लादेश की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है. बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों में हाल में आई बाढ़ को लेकर बांग्लादेश ने भारत पर आरोप लगाया था कि त्रिपुरा के डंबूर बांध के खुलने के कारण वहां बाढ़ आई है. इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और बांग्लादेश के आरोपों को गलत बताया है. भारत ने गुरुवार को साफ किया कि बाढ़ की यह स्थिति त्रिपुरा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नहीं आई है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हमने बांग्लादेश में व्यक्त की जा रही चिंताओं को देखा है कि बांग्लादेश की पूर्वी सीमाओं पर कई जिलों में बाढ़ की स्थिति त्रिपुरा में गुमटी नदी के ऊपर डंबुर बांध के खुलने के कारण हुई है. यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है. हम बताना चाहेंगे कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गुमटी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों में इस साल की सबसे भारी बारिश हुई है. बांग्लादेश में बाढ़ मुख्य रूप से बांध के नीचे की ओर इन बड़े जलग्रहण क्षेत्रों के पानी के कारण है.’ विदेश विभाग ने आगे कहा कि डंबुर बांध दोनों देशों की सीमा से काफी दूर है, बांग्लादेश के 120 किलोमीटर ऊपर. यह एक कम ऊंचाई (लगभग 30 मीटर) का बांध है जो बिजली उत्पन्न करता है. यह पानी ग्रिड में जाता है और इस ग्रिड से बांग्लादेश 40 मेगावाट बिजली भी लेता है. इसी बांध पर हमारे पास लगभग 120 किलोमीटर नदी मार्ग पर अमरपुर, सोनामुरा और सोनामुरा 2 में तीन जल स्तर की निगरानी करने की जगहें हैं.’

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‘द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का हिस्‍सा’
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि अमरपुर स्टेशन एक द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का हिस्सा है, जिसके तहत हम बांग्लादेश को वास्तविक समय पर बाढ़ डाटा भेज रहे हैं. 21 अगस्त 2024 को 3 बजे तक बांग्लादेश को डाटा प्रदान किया गया. विदेश विभाग ने आगे बताया कि 6 बजे बाढ़ के कारण बिजली गुल हो गई, जिससे संचार की समस्याएं पैदा हुईं. फिर भी, हमने डाटा के तत्काल ट्रांसफर के लिए बनाए गए अन्य माध्यमों से संचार बनाए रखने का प्रयास किया. भारत और बांग्लादेश के बीच साझा नदियों में बाढ़ एक साझा समस्या है, जिससे दोनों तरफ के लोगों को परेशानी होती है और इसके समाधान के लिए आपसी सहयोग की जरूरत है.

बाढ़ साझा समस्‍या
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच बाढ़ और वाटर मैनेजमेंट एक साझा समस्या है. दोनों देशों के बीच 54 साझा सीमा-पार नदियों की वजह से नदी जल सहयोग महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से जल संसाधनों और नदी जल प्रबंधन से संबंधित मुद्दों को हल करने की प्रतिबद्धता जताई है.

(इनपुट: आईएएनएस)

Tags: Bangladesh news, National News



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