Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के खिलाफ बुधवार की रात लड़कियां और महिलाएं कलकत्ता की सड़कों पर उतर आईं. महिलाओं ने आरजी कर अस्पताल के बाहर ‘रीक्लेम द नाइट’ अभियान के तहत रात 12 बजे विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अचानक प्रदर्नकारियों के वेश में गुडों की एंट्री से अस्पताल परिसर में खलबली मच गई. कोलकाता के अलावा, बंगाल के अलग-अलग इलाकों में रात को सड़कों पर लोग निकल आए और डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग करने लगे. अब सवाल है कि आखिर किसकी आवाज पर ये लोग रात में सड़कों पर उतरे थे. चलिए हम आपको उस शख्स से मिलवाते हैं.
रिमझिम सिन्हा ही वह शख्स हैं, जिनकी एक पुकार पर महिला-पुरुष सड़कों पर उतर आए और मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करने लगे. रिमझिम सिन्हा कोलकाता के प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र की पूर्व शोधार्थी रह चुकी हैं. रिमझिम भी देश के करोड़ों लोगों की तरह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की खबर से हिल गई थीं. उन्होंने 14 अगस्त को एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने का फैसला किया: ‘द नाइट इज आवर्स.’ इसका उद्देश्य यह दिखाना था कि भारत को भले ही 14-15 अगस्त की दरमियानी रात को आजादी मिली थी, लेकिन महिलाओं को यहां अब तक सही मायने में आजादी नहीं मिली है. उन्होंने अपने विचार फेसबुक पर पोस्ट किए जो वायरल हो गए. कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है और बहुत सी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है.
रिमझिम ने क्यों लिया यह फैसला
न्यूज18 से रिमझिम ने कहा, ‘मैंने सोचा कि स्वतंत्रता दिवस की रात जब पूरा भारत अपनी आजादी का जश्न मना रहा होगा, मैं एक महिला के तौर पर अपनी आजादी का जश्न मनाऊंगी. मैं हर उस शख्स को, जो हाशिये पर खड़े जेंडर कम्युनिटी से ताल्लुक रखता है, आगे आकर अपनी आजादी का जश्न मनाने के लिए बुलाऊंगी और इसलिए मैंने यह आह्वान किया था. और अब यह बहुत दूर तक पहुंच गया है. और इस पर जो प्रतिक्रिया मिल रही है, उससे मैं अभिभूत हूं.’
क्या है यह अभियान
दरअसल, पश्चिम बंगाल और खासकर कोलकाता में ‘रीक्लेम द नाइट’ अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन रात 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू हुए. सोशल मीडिया के जरिए जोर पकड़ने वाला यह अभियान कोलकाता के कई ऐतिहासिक स्थलों सहित छोटे शहरों और बड़े शहरों के प्रमुख क्षेत्रों में फैल गया. ‘रीक्लेम द नाइट’ के नाम से महिला मुक्ति आंदोलन की शुरुआत 1977 में इंग्लैंड के लीड्स में से हुई थी. इंग्लैंड में एक महिला की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, तो पुलिस ने महिलाओं को रात में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी. इसके विरुद्ध ही ‘रीक्लेम द नाइट’ का आह्वान किया गया था.
क्या है कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस
बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में पीजी सेकेंड ईयर की स्टूडेंट रही ट्रेनी की रेप के बाद दर्दनाक हत्या कर दी गई थी. ट्रेनी डॉक्टर का अर्धनग्न शरीर शुक्रवार को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. वह गुरुवार की रात ड्यूटी पर थी. उनके शरीर पर चोटों के कई निशान थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मर्डर से पहले रेप की पुष्टि हुई है. कुछ लोगों का दावा है कि उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. फिलहाल, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में आरोपी संजय रॉय को अरेस्ट कर लिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 11:20 IST