BCCI घरेलू क्रिकेट को लेकर काफी गंभीर हो चुका है और यही वजह है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को छोड़कर ज्यादातर भारतीय क्रिकेटर दलीप ट्रॉफी में खेलने जा रहे हैं। हालांकि कुछ महीनें पहले तक ऐसा नहीं था। श्रेयस अय्यर और ईशान किशन का उदाहरण हम सबके सामने हैं। इस साल की शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों ने फिट होने के बावजूद रणजी ट्रॉफी से किनारा कर लिया था जिसके बाद बीसीसीआई ने कड़ा कदम उठाते हुए अय्यर और किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब इस मामलें में बीसीसीआई सचिव जय शाह का बड़ा बयान सामने आया है।
अय्यर और ईशान की घरेलू क्रिकेट में वापसी
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने स्वीकार किया कि उन्होंने इन दोनों क्रिकेटरों को कड़ा संदेश देने के लिए सेंट्रल कॉन्टैक्ट से बाहर करने का बड़ा फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि कठोर सजा जरूरी थी ताकि दोनों क्रिकेटरों की रेड बॉल क्रिकेट में वापस हो सके। अय्यर और ईशान आगामी दलीप ट्रॉफी में खेलते नजर आएंगे, जो 5 सितंबर से शुरू होने वाली है। शाह ने यह भी साफ किया कि अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है और टेस्ट टीम से बाहर हो जाता है, तो उसे टीम इंडिया में शामिल होने से पहले घरेलू सर्किट में खुद को फिर से साबित करना होगा। उन्होंने रवींद्र जडेजा का उदाहरण दिया, जो दलीप ट्रॉफी में खेलने वाले एकमात्र ए+ ग्रेड वाले क्रिकेटर हैं।
कड़े कदम उठाना जरूरी था
जय शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि अगर आप दलीप ट्रॉफी की टीम को देखें तो रोहित और विराट को छोड़कर बाकी खिलाड़ी खेलेंगे। जो कठोर कदम उठाए गए हैं, उसके कारण ही श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दलीप ट्रॉफी खेल रहे हैं। थोड़ा सख्त होना जरूरी है। जब रवींद्र जडेजा चोटिल हो गए थे, तो उन्हें घरेलू मैच खेलने के लिए कहा गया था। अब यह तय है कि जो भी खिलाड़ी चोटिल होकर बाहर जाएगा, वह घरेलू क्रिकेट में अपनी फिटनेस साबित करने के बाद ही भारतीय टीम में आ सकता है।
स्टार भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली दलीप ट्रॉफी का हिस्सा नहीं हैं। शाह ने बताया कि चयनकर्ता उनके वर्कलोड को मैनेज करना चाहते थे और इसके लिए उन्हें ब्रेक दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके चोटिल होने का जोखिम है, जिसे टीम इंडिया हल्के में नहीं ले सकती है क्योंकि उन्हें अगले एक साल में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ दो हाई-प्रोफाइल सीरीज खेलनी हैं।