लोकप्रिय शो ‘पांड्या स्टोर’ और ‘कुमकुम भाग्य’ में अपनी भूमिका के लिए मशहूर टेलीविजन अभिनेत्री सिमरन बुधरूप ने हाल ही में मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग चा राजा पंडाल में उनके और उनकी मम्मी के साथ हुई एक हैरान कर देने वाली घटना के बारे में सोशल मीडिया पर बताया है। अपनी मां के साथ आशीर्वाद लेने के लिए पंडाल गई सिमरन ने इंस्टाग्राम पर इस दर्दनाक अनुभव को शेयर किया है, जिसने उन्हें हैरान और निराश कर दिया। एक्ट्रेस ने बताया कि मैं अपनी मां के साथ बप्पा का आशीर्वाद लेने के लिए लालबाग चा राजा गईं जहां कर्मचारियों ने उनके साथ हाथापाई की।
एक्ट्रेस संग लालबाग चा राजा में हुई हाथापाई
अपनी पोस्ट में, सिमरन ने विस्तार से बताया कि कैसे उनके दर्शन के दौरान चीजें बदतर हो गईं। जब वह कतार में थीं तो उनकी मां जो उनके पीछे खड़ी थीं उन्होंने अपने फोन से उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, एक कर्मचारी ने उनकी मां के हाथ से फोन छीन लिया और जब उन्होंने उसे वापस लेने की कोशिश की तो उसने उन्हें धक्का दे दिया। सिमरन ने दावा किया कि विवाद के दौरान उनके साथ भी बहुत बुरा व्यवहार किया गया। सिमरन ने इंस्टाग्राम पर घटना का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह एक महिला बाउंसर से बहस करते दिखाई दे रही हैं जबकि उनकी मां उन्हें दूर खींचने की कोशिश कर रही हैं।
सिमरन बुधरूप ने बाउंसर पर लगाया आरोप
निराशा व्यक्त करते हुए सिमरन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, ‘लालबाग चा राजा दर्शन करने का मेरा अनुभव काफी निराशाजनक रहा है। आज, मैं अपनी मां के साथ आशीर्वाद लेने के लिए लालबाग चा राजा गई, लेकिन कर्मचारियों के बुरे व्यवहार ने हमारे अनुभव को खराब कर दिया। संगठन के एक व्यक्ति ने तस्वीर क्लिक करते समय मेरी मां का फोन छीन लिया और जब हमने फोन वापस लेने की कोशिश की तो बाउंसर ने बदसलूकी और मेरी मां को धक्का दे दिया। मैंने रोकने की कोशिश की और बाउंसरों ने मेरे साथ भी बदसलूकी की जब मैंने उनके इस व्यवहार को रिकॉर्ड करना शुरू किया तो उन्होंने मेरा फोन भी छीनने की कोशिश की। जब उन्हें पता चला कि मैं एक एक्ट्रेस हूं तो वो पीछे हट गए।’ बाउंसर का काम हमारी रक्षा करना होता न की इस तरह किसी के साथ हाथापाई करना।
भक्तों को नुकसान गलत है
सिमरन बुधरूप अपने इस पोस्ट में आगे लिखा, ‘लोग ऐसी जगहों पर अच्छे इरादे से आते हैं सकारात्मकता और आशीर्वाद की तलाश में। इसके बजाय, हमें आक्रामकता और अनादर का सामना करना पड़ा। मैं समझती हूं कि भीड़ को प्रबंधित करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि वे बिना किसी दुर्व्यवहार या भक्तों को नुकसान पहुंचाए व्यवस्था बनाए रखें। मैं इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए इसे शेयर कर रही हूं और उम्मीद करती हूं कि यह कार्यक्रम आयोजकों और कर्मचारियों के लिए आगंतुकों के साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार करने के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करेगा। आइए हम सभी के लिए एक सुरक्षित, अधिक सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए मिलकर काम करें।’