देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को साइबर फ्रॉड से राहत देने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। सरकार ने उन लोगों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है, जिन्हें दोबारा सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। नए सिम कार्ड नियम के तहत दूरसंचार विभाग (DoT) ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों ट्राई के नए नियमों के तहत फर्जी कॉल्स और SMS पर लगाम लगाने की मुहिम शुरू हुई है। लाखों मोबाइल नंबर को रिपोर्ट करने के बाद बंद कर दिया गया है।
सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराध को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग ने ब्लैकलिस्ट बनाने की शुरुआत कर दी है। सरकार इस मामले में सख्त एक्शन लेने के मूड में है। बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक, किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड जारी कराने या फ्रॉड वाले मैसेज भेजने वालों की अब खैर नहीं है। सरकार इन पर सख्त एक्शन लेगी। ऐसे यूजर्स को साइबर सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाली कैटेगरी में रखा जाएगा।
3 साल तक का लगेगा बैन
इस तरह के यूजर को ब्लैकलिस्ट करके, सिम कार्ड को ब्लॉक कर दिए जाएंगे। साथ ही, 6 महीने से लेकर 3 साल तक के लिए उनके नाम पर कोई कनेक्शन जारी नहीं किया जाएगा। नए नियमों के तहत किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड जारी करवाना अपराध है। इसके अलावा फर्जी मैसेज भेजने को भी दंडनीय अपराध की कैटेगरी में रखा गया है।
नहीं जारी होंगे सिम कार्ड
2025 से ब्लैकलिस्ट में ऐसे यूजर्स के नाम जोड़े जाएंगे और सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ साझा किए जाएंगे, ताकि उनके नाम पर दोबारा सिम कार्ड जारी नहीं किया जाए। साइबर सिक्योरिटी नियमों के तहत सरकार ने रिपोजिटरी ऑफ पर्सन बनाने का फैसला किया है। ऐसे यूजर्स की लिस्ट बनाने के बाद उन्हें सरकार की तरफ से एक नोटिस भेजी जाएगी, जिसका जबाब 7 दिनों के अंदर देना होगा।
जनहित वाले मामलों में सरकार बिना नोटिस के भी कार्रवाई कर सकती है। ऐसे में 6 महीने से लेकर 3 साल तक नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। सरकार ने साइबर सिक्योरिटी से जुड़े इन नियमों को इस साल नवंबर में नोटिफाई किया था। इसमें कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जिनका इस्तेमाल करके सरकार एक्शन लेने की तैयारी में है।
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