करंट से मुर्गे या… की हुई मौत, तो बिजली विभाग की खैर नहीं, देना होगा मुआवजा


हाइलाइट्स

करंट से मौत पर DERC ने नए नियम तैयार किए हैं.इस नियम में मुर्गे की मौत पर भी मुआवजा देना होगा.किसी की पशु की मौत पर बिजली कंपनी को बख्‍शा नहीं जाएगा.

नई दिल्‍ली. बारिश के सीजन में करंट लगने से मौत की घटना देश में अचानक बढ़ जाती हैं. राजधानी में करीब दो सप्‍ताह पहले करंट लगने से एक आईएएस की पढ़ाई करने वाले छात्र की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद काफी हंगामा मंचा. जिसे देखते हुए दिल्‍ली इलेक्‍ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) एक ऐसा नियम लेकर आई है,  जिसके तहत करंट लगने से अगर आपका मुर्गा भी मर गया तो भी बिजली कंपनी की खैर नहीं होगी. कंपनी को इसके लिए मुआवजा देना होगा. किसी व्‍यक्ति की करंट से मौत पर साढ़े सात लाख रुपये मुआवजा देना होगा. अगर करंट से गाय, बैल या अन्‍य पशुधन का आपको नुकसान होता है, तब भी मुआवजा देना होगा.

नए नियम के मुताबिक बिजली से जुड़ी दुर्घटनाओं के कारण किसी व्‍यक्ति की मौत होने पर 7.5 लाख रुपये और 60 प्रतिशत विकलांगता होने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. यह नियम बीती 25 जुलाई को आधिकारिक रूप से लागू हो गया है. यदि बिजली से संबंधित दुर्घटना में 40-60% चोट लगती है, तो व्यक्ति को मुआवजे के रूप में 1 लाख रुपये दिए जाएंगे. साथ ही एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में रहने के लिए 25,000 रुपये और एक सप्ताह से कम समय के लिए 10,000 रुपये की राशि दी जाएगी.

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दुधारू गाय के लिए 50 हजार का मुआवजा…
नए नियम के तहत बिजली से संबंधित दुर्घटना में किसी पशु के नुकसान के मामले में दुधारू पशु जैसे – भैंस, गाय, ऊंट और ऐसे अन्य – के लिए 50,000 रुपये दिए जाएंगे. इसी तर्ज पर भेड़, बकरी, सुअर और इसी तरह के अन्‍य जानवरों के लिए 5,000 रुपये है. घोड़े और बैल जैसे भारवाहक पशुओं के मामले में मुआवज़ा प्रति पशु 25,000 रुपये, बछड़े, गधे, टट्टू और खच्चर के लिए 15,000 रुपये होगा. आर्थिक रूप से उत्पादक पशुओं के वास्तविक नुकसान तक सीमित हो सकती है और दुधारू पशुओं के लिए 3 लाख रुपये और भारवाहक पशुओं के लिए 1.5 लाख रुपये प्रति परिवार की सीमा के अधीन होगी, चाहे अधिक पशुओं का नुकसान क्यों न हो.

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