कपूर खानदान बॉलीवुड का नामी परिवार है। इस परिवार की चार पुश्ते बॉलीवुड में सक्रिय रही हैं। हर जनरेशन ने फिल्मी दुनिया को कई सुपरस्टार और कई सफल अभिनेता दिए। परिवार का बच्चा-बच्चा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा है। हर फैमिली मेंबर की अलग लेवल की पॉपुलैरिटी है। चाहकर भी इस परिवार के सदस्य लाइमलाइट से दूर नहीं रह पाते। डेढ़ साल की राहा भी इसी का उदाहरण हैं, लेकिन इसके बावजूद भी परिवार का एक सदस्य फिल्मी दुनिया को छोड़ अलग जिंदगी जी रहा है। ऐसा नहीं है कि वो शुरुआत से ही फिल्मों से दूर रहा। वो फिल्मों में आया, एक सफल करियर बनाने की कोशिश की, लेकिन बॉलीवुड की चमक-दमक उसे रास नहीं आई और वो इस शोशा से दूर चला गया। एक्टिंग छोड़कर इस शख्स ने अपने लिए अलग राह चुनी। ये शख्स कोई और नहीं बल्कि सुपरस्टार शशि कपूर के बेटे करण कपूर हैं।
लोग समझ बैठे थे अंग्रेज
शशि कपूर के छोटे बेटे करण कपूर ने साल साल 1978 में फिल्मी दुनिया में कदम रखा। फिल्म ‘जुनून’ से उन्होंने डेब्यू किया। फिल्म तो पिट गई, लेकिन करण की चर्चा हुई। इसकी वजह उनकी एक्टिंग नहीं बल्कि उनका अंग्रेजों की तरह गोरा रंग, सुनहरे बाल और नीली आंखें थीं। करण कपूर के लुक को देख लोग उन्हें अंग्रेज समझ बैठे। कई लोग तो आज भी उनकी पुरानी फिल्में देखने के बाद उन्हें अंग्रेज ही समझत हैं। इसकी वजह उनके जेनेटिक्स थे। शशि कपूर की पत्नी और करण की मां जेनेफर केंडल ब्रिटिश मूल की थीं। करण का रूप-रंग मां पर ही गया।
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फ्लॉप हुईं फिल्में तो छोड़ी एक्टिंग
10 साल अपने एक्टिंग करियर में करण कपूर ने मात्र 5 हिंदी फिल्में की, लेकिन इसी बीच वो कई ब्रिटिश सीरीज में भी काम करते रहे। ‘सलतनत’, ‘लोहा’, ‘अफसर’ जैसी फिल्में लिस्ट में शामिल हैं। वैसे करण के करियर में एक भी फिल्म सफल नहीं रही। ऐसे में उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का मन बना लिया। वो भारत छोड़ विदेश चले गए। नए सिरे से उन्होंने अपनी दुनिया बसाई और अपने पैशन फोटोग्राफी को करियर बना लिया। वो इस क्षेत्र में काफी सफल हुए। सोशल मीडियो पर वो अपनी क्लिक की हुई तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं। लंदन में ज्यादा वक्त बिताने वाले 62 वर्षीय एक्टर ने भी पिता की तरह ही विदेशी महिला शादी की। करण की पत्नी का नाम लोरना है। दोनों के दो बच्चे भी हैं, जिनका नाम आलिया कपूर और जैच कपूर है। वैसे अब करण का भारत आना जाना कम ही होता है।