Bangladesh Crisis: किसी भी अंजाम की परवाह किए बगैर अपने फैसलों पर कायम शेख हसीना को तीन खबरों ने तोड़ दिया. आला सुरक्षा अधिकारियों और परिवार के तमाम लोगों की तमाम कोशिशों के बावजूद शेख हसीना जिस बात को मानने के लिए आखिर तक तैयार नहीं थीं, इन तीन खबरों के सामने आने के बाद उन्हें अहसास हो गया कि अब उनके सामने हामी भरने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. आखिरी में, पूरी तरह से टूट चुकी शेख हसीना ने हामी भर दी और उनको देश से भगाकर भारत भेजने की तैयारियां शुरू कर दी गईं. जल्द ही, सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं और शेख हसीना का विमान भारत के हिंडन एयरबेस की तरफ उड़ान भर गया.
दरअसल, 5 अगस्त को प्रधानमंत्री आवास में देश के हालात को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक होने वाली थी. इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेने वाले थे. मीटिंग से ठीक पहले तीनों सेनाओं के प्रमुख बेहद घबराई हुई अवस्था में शेख हसीना के पास पहुंचे. उनके चेहरों पर मौजूद तनाव देश के हालात बताने के लिए काफी थे. कुछ पल इंतजार करने के बाद तीनों सेना प्रमुखों ने एक एक कर देश के हालात के बारे में शेख हसीना को बताना शुरू किया. इसी दौरान, सेना प्रमुखों ने शेख हसीना को पहली खबर सुनाई. उन्हें बताया गया कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास से महज कुछ दूरी तक पहुंचने में कामयाब हो गए हैं.
दूसरी खबर सुनते ही टूटा शेख हसीना का भ्रम
इस खबर को सुनने के बाद शेख हसीना को अभी भी विश्वास था कि उनकी सेना दीवार बनकर प्रदर्शनकारियों को उन तक पहुंचने से रोक देगी. इसी बीच, सेना प्रमुखों ने शेख हसीना को दूसरी खबर सुनाई. इस खबर को सुनने के बाद शेख हसीना का भ्रम टूट गया. उन्हें बताया कि ग्राउंड लेबल पर सेना और पुलिस के जवान प्रदर्शनकारियों के साथ मिल गए हैं. सेना के अधिकारियों ने शेख हसीना को बताया कि चूंकि उनके सैनिक भी उसी देश का हिस्सा है और गांवों से आते हैं, लिहाजा वह अपने लोगों पर गोली नहीं चलाएंगे. इस स्थिति को देखने के बाद सेना के आला अधिकारियों को यह अहसास हो चुका था कि स्थिति उनके हाथ से बाहर जा चुकी है. सेना के तीनों प्रमुखों ने अब शेख हसीना को तीसरी खबर सुनाई.
अब शेख हसीना के पास बचा था सिर्फ एक ही विकल्प
इस खबर को सुनने के बाद शेख हसीना पूरी तरह से टूट गईं. दरअसल, उन्हें बताया गया कि पुलिस के पास गोला बारूद खत्म हो चुका है. पुलिस बुरी तरह से थक चुकी है. अब वे सभी अपनी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हो रहे हैं. सेना के अधिकारियों ने शेख हसीना को साफ तौर पर बता दिया कि अब वह प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते है. सेना अधिकारियों की इन तमाम बातों को सुनने के बाद शेख हसीना को समझ में आ चुका था कि उनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़कर पड़ोसी देश में शरण लेनी ही होगी. इस बीच, शेख हसीना के साथ मौजूद उनकी बहन ने भी उनको समझाया. आखिर में, शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ने के लिए तैयार हो गई. और इस फैसले के कुछ घंटों के बाद वह विमान से बांग्लादेश छोड़ भारत के हिंडन एयरबेस की तरफ रवाना हो गईं.
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 12:44 IST