नई दिल्ली: चीन अपनी गद्दारी से बाज नहीं आता है. वह अपनी विस्तारवादी चाल हर जगह चलता है. हिंद महासागर से लेकर विश्व तक में वह अपना दबदबा चाहता है. साथ ही भारत को लाल आंख दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाता है. क्योंकि यह नए दौर का भारत है जो जवाब देना जानता है. इस बीच अमेरिका और भारत के बीच एक ऐसी डील हुई है जिससे चीन के सारे दम बेदम हो जाएंगे.
दरअसल भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा रक्षा सौदा हुआ है. एंटी सबमरीन हथियार जिसे एंटी सबमरीन वारफेयर सोनोबुओस नाम से जाना जाता है इसे अमेरिका भारत को बेचने को तैयार हो गया है. इस सौदे के तहत एंटी-सबमरीन हथियार, उसके उपकरण और इससे जुड़ी अन्य सेवाएं भारत को बेची जाएंगी. इसकी कुल अनुमानित लागत 52.6 मिलियन डॉलर है. यह रक्षा सौदा उस समय हुआ है जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने चार दिन के दौरे पर अमेरिका में हैं.
पूरे सौदे की लागत 52.8 मिलियन डॉलर
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अंदर आने वाले रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने अपने एक बयान में कहा है कि एंटी सबमरीन वारफेयर सोनोबुओस भारत को बेचने के लिए विदेश मंत्री ने संभावित विदेशी सैन्य खरीद को मंजूरी दे दी है. इसकी लागत 52.8 मिलियन डॉलर है. बता दें कि भारत सरकार ने अमेरिका से AN/SSQ-53G हाई एल्टीट्यूड एंटी सबमरीन वारफेयर (HAASW) सोनोबुओस, AN/SSQ-62F HAASW सोनोबुओस, AN/SSQ-36 सोनोबुओस, टेक्निकल और पब्लिकेशंस एवं डाटा डॉक्यूमेंटशन, कॉन्ट्रैक्टर इंजीनियरिंग, टेक्निकल सपोर्ट, लॉजिस्टिक, सर्विस एवं सपोर्ट की खरीद करने का अनुरोध किया था. इस पूरे सौदे की लागत 52.8 मिलियन डॉलर है.
FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 08:59 IST