मरीन इलेक्ट्रिकल्स को हाल में ही यूके नेवी से ऑर्डर मिला है. कंपनी का स्टॉक एक दिन में ही 5 फीसदी चढ़ गया है. कंपनी अब जर्मनी के मरीन प्रदर्शनी में हिस्सा लेने भी जाएगी.
नई दिल्ली. समंदर से जुड़े काम करने वाली भारतीय कंपनी के शेयर बुधवार को आसमान पर पहुंच गए. कंपनी को हाल में ही यूके नेवी से बड़ा ऑर्डर मिला है, जिसका असर कंपनी के शेयरों पर भी दिखा और बुधवार को 5 फीसदी का तगड़ा उछाल आया है. कंपनी ने अब कारोबार को और बढ़ाने के लिए तगड़ा प्लान बनाया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसके बाद कंपनी के कारोबार में और उछाल आने की संभावना है. हाल में जारी तिमाही नतीजों में भी कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 65 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मरीन इलेक्ट्रिकल्स इंडिया (Marine Electricals India) की. शिप, पावर डिस्ट्रीब्यूशन और पैनलिंग से जुड़ी और एनएसई में लिस्टेड मरीन इलेक्ट्रिकल्स को हाल में यूके नेवी से तीन शिप के लिए पावर डिस्ट्रीब्यूशन और पैनल व रडार का ऑर्डर मिला है. कंपनी विदेशों से ज्यादा कारोबार हासिल करने के लिए सितंबर में दुनिया के सबसे बड़े मैरीटाइम प्रदर्शनी में शामिल होने जर्मनी जाएगी. यह प्रदर्शनी 3 से 6 सितंबर के बीच होगी. इससे विदेशी ऑर्डर की संख्या बढ़ी तो निश्चित तौर पर कंपनी के स्टॉक का प्रदर्शन भी बेहतर होगा.
क्या है कंपनी का प्लान
कंपनी को उम्मीद है कि इस प्रदर्शनी से उसे शिप सेक्टर के अच्छे ऑर्डर मिल सकते हैं. इसमें पूरी दुनिया से मैरीटाइम इंडस्ट्री के मैन्युफैक्चरर्स, सप्लायर्स और सर्विस प्रदाता आते हैं. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि वह इसमें भागीदारी कर कॉमर्शियल शिपिंग इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी बढ़ाएगी. इससे वह यूरोपियन शिप मालिकों और शिपयार्ड से भी संपर्क करेगी. भारतीय नेवी के सारे शिप के पावर डिस्ट्रीब्यूशन, पैनल और रडार मरीन इलेक्ट्रिकल के पास बनते हैं.
भारतीय पोत बनाने में बड़ा योगदान
आपको बता दें कि आईएनएस विक्रांत का भी काम इसी कंपनी ने किया है. चाहे वह ऑर्डर भले ही गार्डन रीच, कोचीन या गोवा शिपयार्ड या एलएंडटी जैसी कंपनियों को मिलते हैं. इंडियन नेवी के अप्रूव वेंडर यही कंपनी है. हाल में कंपनी ने विदेशों में स्थिति मजबूत करने के लिए यूरोप और यूएई में आफिस खोला है. भारत और चीन में यूरोप की तुलना में 20 फीसदी कम मैन्युफैक्चरिंग लागत है. दूसरी बात ये कि यूरोपीय कंपनियां चीन के अलावा दूसरे विकल्प भी तलाश रही हैं. ऐसे में इस भारतीय कंपनी को बहुत बड़े आर्डर मिलने की संभावना है. साथ ही भारत सरकार भी शिप बिल्डिंग में बड़ा निवेश करेगी, जिसका बड़ा फायदा मरीन इलेक्ट्रिकल को मिलेगा.
पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन में भी मजबूत
कंपनी का दूसरा डिवीजन डेटा सेंटर के लिए पावर डिस्र्टीब्शूयन है. अडाणी और प्रिस्टन के साथ डॉ रेड्डी, ल्यूपिन और वेदांता जैसी कंपनी के डेटा सेंटर में पावर डिस्ट्रीब्यूशन मरीन इलेक्ट्रिकल ही संभालती है. हाल में माइक्रोसाफ्ट का डेटा सेंटर रुकने से सारे विमान रुक गए थे. लिहाजा सरकार इस तरह की कंपनियों को प्रोत्साहन दे रही है. कंपनी का मार्केट काप 3,500 करोड़ रुपये है, जो आगे तेजी से बढ़ने की संभावना है.
कैसा रहा स्टॉक का प्रदर्शन
अगर कंपनी के शेयरों की बात करें तो बुधवार को ही इसके स्टॉक में 5 फीसदी का उछाल आया और 268 रुपये के भाव पहुंच गए. जून तिमाही में कंपनी का नेट सेल्स 65 फीसदी बढ़कर 237 करोड़ रुपये पहुंच गया है. रिटर्न की बात करें तो इसके स्टॉक ने एक महीने में करीब 43 फीसदी रिटर्न दिया, जबकि 3 महीने में कंपनी का रिटर्न 180 फीसदी रहा है. वहीं, एकसाल में इसके शेयर करीब 299 फीसदी चढ़ गए. इसका मतलब हुआ कि कंपनी ने 12 महीने में पैसा चार गुना कर दिया.
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FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 16:15 IST