आमिर खान को यूं ही मिस्टर परफेक्शनिस्ट नहीं कहा जाता। आमिर एक ऐसे सुपरस्टार हैं, जो जिस भी फिल्म को छू लें, उसके किरदार में अपने आपको ढालने की हर संभव कोशिश करते हैं। उन्होंने अपने करियर में ‘3 इडियट्स’, ‘पीके’ और ‘रंग दे बसंती जैसी’ प्रतिष्ठित फिल्मों में काम किया और काफी तारीफें भी बटोरीं। आमिर खान की सबसे बेहतरीन फिल्मों की बात की जाए तो इसमें 2001 में रिलीज हुई ‘लगान’ का नाम जरूर लिया जाएगा। लगान उनके करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है। लेकिन, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पहले आमिर खान इस फिल्म को हाथ लगाने से डर रहे थे। इसका खुलासा खुद मिस्टर परफेक्शनिस्ट ने किया है।
अपने करियर पर क्या बोले आमिर?
बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान ने हाल ही में रेड सी फिल्म फेस्टिवल में शिरकत की, जहां उन्होंने फिल्मों के निर्माण के अपने शुरुआती डर के बारे में खुलकर बात की। एक एक्टर और प्रोड्यूसर के रूप में अपने शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद, आमिर खान ने स्वीकार किया कि सिनेमा में उनकी यात्रा आत्मविश्वास से ज्यादा “लक” और “एक्सीडेंट्स” पर निर्भर रही है।
मुझे कुछ आसान नहीं लगता- आमिर खान
इसके बारे में बात करते हुए आमिर खान ने कहा- ‘मुझे कुछ भी आसान नहीं लगता। मैं जब भी कोई फिल्म अपने हाथों में लेता हूं, मैं उसे लेकर नर्वस हो जाता हूं। मैं हर प्रोजेक्ट को एक्साइटमेंट और एंक्जाइटी के साथ देखता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यह कमजोरी एक निर्माता के रूप में उनकी भूमिका तक फैली हुई है, क्योंकि, इसमें दांव और भी ऊंचे हैं। उन्होंने कहा, “एक निर्माता के रूप में, एक छोटी सी चूक और पूरी फिल्म बर्बाद हो सकती है।”
पिता के स्ट्रगल से डर गए थे आमिर
आमिर खान ने खुलासा किया कि वह अपने पिता के चलते फिल्म निर्माण से डरते थे। उनके पिता दिवंगत ताहिर हुसैन को बॉलीवुड निर्माता के रूप में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते वह इस जिम्मेदारी को उठाने से डरते थे। आमिर कहते हैं- “मैंने अपने पिता को नरक से गुजरते देखा है। यह एक थैंकलेस जॉब है।” हालांकि, जब सुपरस्टार का सामना आशुतोष गोवारिकर की ‘लगान’ की स्क्रिप्ट से हुआ तो फिल्म निर्माण को लेकर उनका नजरिया बदल गया।
लगान को लेकर क्यों झिझक रहे थे आमिर खान?
आमिर ने बताया कि कहानी से प्रभावित होने के बावजूद, वह शुरू में झिझक रहे थे। उन्हें डर था कि कोई भी निर्माता इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के साथ न्याय नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा- ”मुझे डर था कि निर्माता निर्देशक की बांह मरोड़ना शुरू कर देगा।” स्क्रिप्ट आमिर खान को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई, जिसे 18 महीने लगे। इसके बाद आमिर ने ‘लगान’ के लिए प्रोडक्शन की जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया और इसमें उन्हें सफलता मिली।
फिल्म की सफलता ने दिया कॉन्फिडेंस
स्पोर्ट्स-ड्रामा को 2001 में भारत की ओर से ऑस्कर में भेजा गया। लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में ऑडियंस अवॉर्ड के साथ शुरुआत करके इस फिल्म ने वैश्विक तौर पर प्रशंसा हासिल की। आमिर ने इसके बारे में बात करते हुए कहा- “सबकुछ बहुत ही ऑर्गेनिकली हुआ। फिल्म अपने आप ही सफल हो गई, पूरे यूरोप और उसके बाहर रिलीज हुई। ” इस सफलता ने आमिर को निर्माता की भूमिका को और अधिक आत्मविश्वास से अपनाने के लिए प्रेरित किया।