कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या मामले के बाद कोलकाता ही नहीं बल्कि पूरे देश की फिजा बदल गई है. दिल्ली में ही इंसाफ की मांग में डॉक्टर अस्पतालों से निकलकर सड़कों पर आ गए हैं, अस्पतालों में ताले लटके हैं और बेबस मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं. एम्स से लेकर सफदरजंग, आरएमएल, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में पहुंचने वाले कैंसर, हार्ट और किडनी के गंभीर से गंभीर मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है. हालांकि यह उबाल अभी थमने वाला नहीं है. डॉक्टरों की मानें तो 17 अगस्त को और भी बड़ी हड़ताल होने जा रही है.
17 अगस्त को छोटे-बड़े सभी अस्पतालों में हड़ताल का ऐलान
आरपी सेंटर एम्स की ओपीडी में लटके मिले ताले, बेबस लौट गए मरीज.
देशभर की आरडीए और डॉक्टरों के तमाम संगठनों के हड़ताल में उतरने के बाद कोलकाता में 15 अगस्त की रात को हुई गुंडागर्दी ने आग लगा दी है. यही वजह है कि अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी 17 अगस्त को देशभर में हड़ताल की घोषणा की है. जिसके चलते न सिर्फ देशभर के सरकारी रेजिडेंट डॉक्टर बल्कि प्राइवेट डॉक्टर, प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर, कम्यूनिटी हेल्थ केयर सेंटर और जिला अस्पतालों में काम कर रहे हर छोटे-बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों के भी हड़ताल पर रहने का अनुमान है. इतना ही नहीं 16 अगस्त को डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सिंग यूनियनों ने भी हड़ताल शुरू कर दी है. नर्सिंग यूनियनें भी शनिवार को हड़ताल पर रहेंगी.
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मरीजों को हो रही बहुत परेशानी
एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज के इंतजार में सुबह से शाम तक बैठे रहे मरीज.
आईएमए, फोर्डा, फेमा, नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन, फैकल्टी एसोसिएशनें, और देशभर की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों की ओर से 17 अगस्त को ओपीडी सर्विसेज, ऑपरेशन थिएटर, रेडियोलॉजिकल जांचें, इलेक्टिव सर्विसेज, मरीजों के एडिमिशन को पूरी तरह शट डाउन करने का ऐलान किया गया है. वहीं कुछ एसोसिएशनों ने इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद करने का सुझाव दिया है. ऐसे में अगर इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी गईं, तो आपातकाल में आने वाले केसेज और मरीजों को बड़ा नुकसान हो सकता है.
अस्पतालों से निर्माण भवन पहुंचे डॉक्टर
दिल्ली के सभी अस्पतालों से डॉक्टर्स आज विरोध प्रदर्शन करते हुए निर्माण भवन पहुंचे हैं. हजारों की संख्या में मार्च कर निर्माण भवन पहुंचे डॉक्टर लगातार इंसाफ की मांग कर रहे हैं और ट्रेनी डॉक्टर मामले में दोषियों को जल्द से जल्द फांसी के साथ ही देशभर के डॉक्टर और मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं.
अस्पतालों में भटकते रहे मरीज
14 अगस्त को अस्पतालों में इलाज के लिए आए बहुत सारे मरीजों को कहा गया था कि डॉक्टरों की हड़ताल है, ऐसे में 16 अगस्त को आएं लेकिन आज भी मरीजों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिला. बल्कि उन्हें ओपीडी में ताले लटके मिले. इतना ही नहीं लंबे समय से जांच या डॉक्टर से कंसल्टेशन के लिए अपॉइंटमेंट लेकर एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, हेडगेवार, कैंसर इंस्टीट्यूट में दिखाने आए मरीजों को निराश लौटना पड़ा.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 17:42 IST