अमृतपाल सिंह पंजाब की खंडूरी साहिब सीट से सांसद है.उसने डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ा था.अमृतपाल सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई.
नई दिल्ली. खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल सिंह को लेकर एक मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता ने देश की सर्वोच्च अदालत से यह अपील की कि अमृतपाल की सांसद सदस्यता को रद्द किया जाए. कट्टरपंथी सिख आतंकी अमृतपाल सिंह जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब के खडूर साहिब से सांसद चुने गए थे. उसने असम की डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा था. एनआईए ने उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोपी बनाया था.
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की बेंच के सामने अपनी दलीलें रखते हुए याचिकाकर्ता ने दावा किया कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, जो कहता है कि कोई व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो. अमृतपाल सिंह ने कहा था कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखता है.”
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अमृतपाल के बयान से आहत हूं…
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि वह खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता नहीं है, लेकिन अमृतपाल सिंह के पहले दिए गए बयानों से बहुत आहत है. बेंच ने इस शख्स की दलीलें सुनने के बाद कहा, “आप चुनावी याचिका दायर करें. यह सबूतों का मामला है. इसके लिए निर्धारित प्रक्रियाएं हैं. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान हैं. धन्यवाद.” बेंच ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, “इसे खारिज किया जाता है.”
अमृतपाल ने ली थी शपथ…
बता दें कि लोकसभा सांसद बनने के बाद बीते महीने 5 जुलाई को अमृतपाल सिंह ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी. उसे शपथ लेने के लिए कोर्ट से पैरोल मिल गई थी. वो ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख है. उसने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इंडिपेंडेंट पर्चा भरा और पंजाब के खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज करने में भी कामयाब रहा.
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FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 17:49 IST