अब वंदे भारत में 16 नहीं 24 कोच होंगे, लेकिन कम हो जाएंगी 40 ट्रेनें, आखिर क्‍यों?


हाइलाइट्स

भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनों के टेंडर में बदलाव किया है. अब 120 की जगह सिर्फ 80 ट्रेनें चलाने की तैयारी हो रही है. हालांकि, हर ट्रेन में कोच की संख्‍या 50 फीसदी बढ़ा दी गई है.

नई दिल्‍ली. मोदी सरकार ने देश में बड़ी संख्‍या में वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने की योजना में बड़ा बदलाव किया है. नई योजना के तहत अब देश में 120 की जगह सिर्फ 80 वंदे भारत ट्रेनों को उतारा जाएगा, जबकि हर ट्रेन में 16 की जगह अब 24 कोच लगाए जाएंगे. इसका मतलब हुआ कि ट्रेनों की संख्‍या भले ही कम हो लेकिन हर ट्रेन में लगने वाले कोच की संख्‍या 50 फीसदी बढ़ा दी गई है. सरकार ने यह बदलाव क्‍यों किया है और इसका क्‍या मकसद है, इस बात हम पूरी पड़ताल इस खबर के जरिये करते हैं.

दरअसल, आपको यह तो पता ही होगा कि पिछले दिनों वंदे भारत ट्रेनों के कोच बनाने को लेकर जारी किए गए 35 हजार करोड़ रुपये के टेंडर कैंसिल हो गए थे. इसका टेंडर उठाने वाली कंपनी ने ज्‍यादा पैसे मांगे, जबक‍ि रेलवे अपनी बात पर टिका रहा और आखिरकार टेंडर को खारिज करना पड़ा. अब रेलवे ने दोबारा अपने टेंडर की रूपरेखा तैयार की है. इसमें व्‍यापक तौर पर बदलाव किए गए हैं, ताकि इस बार कैंसिल करने की नौबत न आए.

ये भी पढ़ें – यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को जाना है, टिकट नहीं मिल रही, डोंट वरी, चलेगी स्‍पेशल ट्रेन, जानें शेड्यूल

क्‍या है नया टेंडर
नए टेंडर में हर ट्रेन सेट के लिए 120 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत रखी गई है. नए ऑर्डर में सिर्फ 80 ट्रेनें चलाए जाने की तैयारी है और प्रत्‍येक ट्रेन में 24 कोच लगाए जाएंगे. महाराष्‍ट्र के लातूर में बनी फैक्‍ट्री को यह टेंडर इस साल नवंबर तक हैंडओवर कर दिया जाएगा. इस ट्रेंडर को रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का कंसोर्टियम पूरा करेगा. इस ऑर्डर का पहला प्रोटोटाइप सितंबर, 2025 तक पेश कर दिया जाएगा.

क्‍या था पुराना कॉन्‍ट्रैक्‍ट
रेलवे के कॉन्‍ट्रैक्‍ट में 200 स्‍लीपर वर्जन की वंदे भारत ट्रेन बनाने का ऑर्डर था, जिसमें हर ट्रेन में 16 कोच लगाने थे. साथ ही इन ट्रेनों का अगले 35 साल तक मेंटेनेंस भी देखना था. नीलामी में एल1 को लातूर जिले के मराठवाड़ा रेल कोच फैक्‍ट्री में 120 ट्रेनें बनानी थी, जबकि एल2 को आईसीएफ चेन्‍नई में 80 ट्रेनों का निर्माण करना था. हालांकि, रेल मंत्रालय ने अब सिर्फ 80 ट्रेनें बनाने को कहा है और प्रत्‍येक में 24 कोच लगाए जाने हैं.

कब आए जाएगी पहली ट्रेन
कॉन्‍ट्रैक्‍ट के तहत 12 वंदे भारत ट्रेनों का पहला बैच प्रोटोटाइप आने के एक साल के भीतर आना है. प्रोटोटाइप सितंबर, 2025 में आएगा तो पहला बैच सितंबर, 2026 तक आ जाना चाहिए. इसके बाद दूसरे साल 18 ट्रेनों का बैच बनाया जाएगा और फिर हर साल 25 ट्रेनें उतारी जाएंगी. इन ट्रेनों की मेंटेनेंस सुविधाओं को जोधपुर, दिल्‍ली और बैंगलोर में विकसित किया जाएगा.

कौन बनाएगा कितनी ट्रेनें
नए टेंडर में साफ लिखा गया है कि इस प्रोजेक्‍ट को 4 कंपनियां किनेट रेलवे सॉल्‍यूशंस, जेवी-इंडिया रेल विकास निगम लिमिटेड, रसियन इंजीनियरिंग कंपनी मेट्रोवॉगोन्‍मेश और लोकोमोटिव इलेक्‍ट्रॉनिक सिस्‍टम मिलकर पूरा करेंगे. पहली दोनों कंपनियां 25 फीसदी, दूसरी 70 फीसदी और तीसरी 5 फीसदी ट्रेनों का निर्माण पूरा करेंगी.

Tags: Business news, Indian railway, Vande bharat



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *