गांधीनगर. गुजरात राज्य में नरबलि, अघोरी साधनाओं और काले जादू पर रोक लगाने के लिए एक कड़ा कानून पास किया गया है. इसके तहत इन अमानवीय प्रथाओं में कुशल होने का दावा करने वाले या इनके जरिये भोले- भाले लोगों को बहकाने की कोशिश करने वालों को कड़ी सजा दिए जाने का कानून बनाया गया है. गुजरात विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से ‘गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट और अघोरी प्रथाओं और काले जादू की रोकथाम और उन्मूलन विधेयक- 2024’ को पारित किया. जिसका मकसद लोगों को ऐसे धोखेबाजों के आपराधिक कामों से बचाना है, जो अलौकिक शक्तियां होने का दावा करते हैं.
गुजरात राज्य सरकार ने कहा कि यह कानून अलौकिक या जादुई शक्तियों की आड़ में फैली हुई आपराधिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाएगा, जो लोगों को बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाने का दावा करते हैं. आमतौर पर काले जादू के रूप में जाना जाने वाला, समाज ठगों से भरा हुआ है. जो भोले-भाले लोगों का शोषण करने के एकमात्र उद्देश्य से इस कला का प्रदर्शन करते हैं. गुजरात सरकार ने इस नए कानून का मकसद उन प्रथाओं और उनको अंजाम देने वालों धंधेबाजों की पहचान करना और उन्हें सजा दिलाना है.
गुजरात सरकार ने कहा कि इस कानून के नियमों को तोड़ने वाले लोगों को जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा, जो छह महीने से कम नहीं होगी और सात साल तक बढ़ सकती है. इसके साथ ही इन लोगों पर जुर्माना भी लगेगा, जो 5,000 रुपये से कम नहीं होगा और 50,000 रुपये तक बढ़ सकता है. गुजरात विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए गए इस विधेयक में कहा गया है कि सरकार इस अधिनियम को अधिसूचित किए जाने के 30 दिनों के भीतर इसके लिए नियम बनाएगी. इस कानून के तहत दर्ज किए गए अपराध गैर-जमानती होंगे.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 12:05 IST