Airport News: गुजरात और पंजाब के बाद अब निशाने पर बिहार है. बिहार में तेजी से सक्रिय हो रहे एजेंट्स ने वहां के नौजवानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ये एजेंट नौजवानों को पहले विदेश में बेहतर जिंदगी का सब्जबाग दिखाते हैं और फिर उनसे लाखों रुपए वसूल का फर्जी वीजा थमा देते हैं. एजेंट्स तो मोटी रकम लेने के बाद अंडरग्राउंड हो जाते हैं, लेकिन विदेश जाने के नाम पर नौजवान लाखों रुपए के साथ अपना पूरा जीवन दांव में लगा देते हैं. एक ऐसा ही मामला बीते दिनों दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सामने आया है.
इस मामले में बिेहार के गोपालगंज में रहने वाला एक 26 वर्षीय नौजवान विदेश में भविष्य के बेहतर सपने लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचता है. उसे आईजीआई एयरपोर्ट से पहले यूएई के लिए रवाना होना था और उसके बाद यूएई से किर्गिस्तान का सफर तय करना था. धनंजय यादव नामक यह नौजवान आईजीआई एयरपोर्ट तक तो पहुंच जाता है, लेकिन उसके बाद वह यूएई की जगह आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन की हवालात पहुंच जाता है. दरअसल, ट्रैवल डॉक्यूमेंट की स्क्रुटनी के दौरान उसके पासपोर्ट पर लगा किर्गिस्तान का वीजा फर्जी पाया गया था.
दो लाख रुपए में हुई थी किर्गिस्तान भेजने की डील
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, फर्जी वीजा पर किर्गिस्तान जाने की कोशिश कर रहे धनंजय यादव को ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस के हवाले किया था. पूछताछ में उसने बताया था कि उसके कुछ दोस्त रोजगार की तलाश में यूरोपीय देश गए थे. बेहतर जिंदगी की आस में वह भी विदेश जाने के सपने बुनने लगा. इसी बीच, उसकी मुलाकात मुन्ना सिंह नामक युवक ने रहमतुल्लाह अंसारी नामक के एजेंट से कराई. रहमतुल्लाह ने दो लाख रुपए के एवज में उसे यूएई के रास्ते किर्गिस्तान भेजने का वादा किया.
मास्टरमाइंड की तलाश में बिहार रवाना हुई टीम
पूछताछ के दौरान, धनंजय ने बताया कि डील के तहत तय हुई दो लाख रुपए की नगद रकम का भगुतान उसने रहमतुल्लाह को कर दिया. जिसके बाद, रहमतुल्लाह ने अपने कुछ सहयोगियों की मदद से यूएई और किर्गिस्तान का वीजा अरेंज कर दिया. वह दिल्ली एयरपोर्ट से किर्गिस्तान के लिए रवाना होते, इससे पहले उसे ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया. धनंजय के खुलासे के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और आरोपी रहमतुल्लाह की तलाश में इंस्पेक्टर सुमित के नेतृत्व में एक टीम बिहार रवाना कर दी गई.
यूएई में रहकर तैयार किया जालसाजों का पूरा गिरोह
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि लोकर इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से रहमतुल्लाह को बिहार के गोपालगंज से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान, रहमतुल्लाह ने पुलिस को बताया कि उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. वह करीब 13-14 साल यूएई में रहा. इसी दौरान, उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई, जो भारतीय नौजवानों को अपने जाल में फंसाकर विदेश भेजने का सब्जबाग दिखाते थे. भारत वापसी के बाद वह भी इन लोगों के साथ इस गोरखधंधे में शामिल हो गया. आरोपी ने बताया कि उसने 2019 में आर फाइंडर रिक्यूटमेंट नामक से एक ऑफिस खोल लिया.
जारी है खातों की जांच और पूछताछ का सिलसिला
इसके बाद, उसने विदेश भेजने के नाम पर उसने लोगों को अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया. आरोपी रहमतुल्लाह ने धनंजय से जुड़े मामले में स्वीकार किया कि उसने यूएई के साथ किर्गिस्तान का फर्जी वीजा अरेंज किया था. इसके एवज में उसने धनंजय से दो लाख रुपए नगद लिए थे. डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, आरोपी रहमतुल्ला से पूछताछ जारी है और उसक बैंक एकाउंट को भी खंगाला जा रहा है. जिससे यह पता लगाया जा सके कि धनंजय की तरह उसे और कितने नौजवानों को अपने जाल में फंसाकर उनकी जिंदगी बर्बाद की है.
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 10:27 IST