नई दिल्ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल बैंकर से राजनेता बने हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे चुनाव लड़ना चाहेंगे? इस पर शौर्य डोभाल ने कहा, मैंने कभी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई, लेकिन अगर पार्टी मुझे चुनाव मैदान में उतारने का फैसला करती है तो मैं इसके लिए तैयार हूं. शौर्य ने कहा, ‘सेवा के विचार’ के साथ 2009 में ब्रिटेन छोड़कर भारत वापस आया हूं. अपने संगठन ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना की और उसी के जरिये देश की सेवा कर रहा हूं.
शौर्य से जब पूछा गया कि क्या उन्हें इसलिए चुनावी राजनीति में मौका नहीं मिला, क्योंकि उनके पिता अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं? इस पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि शायद यह मेरे पिता की वजह से हो सकता है, लेकिन जाहिर है कि मुझे टिकट नहीं मिला और इसीलिए मैंने चुनाव नहीं लड़ा है.’’ शौर्य डोभाल अभी उत्तराखंड भाजपा की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि कभी भी चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट नहीं मांगा.
चुनावी लड़ने से जुड़े एक सवाल पर शौर्य डोभाल ने कहा, जब मैं इस क्षेत्र में आया था, तो मैं राजनीति के नजरिये से नहीं आया था. मैं 2009 में ‘इंडिया फाउंडेशन’ की स्थापना करने के लिए भारत वापस आया था. मुझे पार्टी द्वारा 2018-19 में उत्तराखंड जाने के लिए कहा गया था और अंततः यह पार्टी का निर्णय है…आप ये निर्णय नहीं ले सकते.
शौर्य डोभाल ने कहा, आम तौर पर यही संस्कृति होती है कि आप अपने लिए काम करें, लेकिन भाजपा में यह संस्कृति दूसरी पार्टियों से कम है. उनकी अपनी सोच होती है कि कौन सा व्यक्ति किस काम के लिए बेहतर है, इसके कई कारण हो सकते हैं… हो सकता है कि मैं अच्छा राजनेता नहीं हूं, या हो सकता है कि वे सही समय का इंतजार कर रहे हों. ये भी हो सकता है कि मुझसे बेहतर लोग हों और मुझे दूसरे कामों के लिए रखा गया हो. मैंने कारण के बारे में कुछ नहीं पूछा है.
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FIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 18:55 IST