अशोक सिंह भाटी.
अजमेर. अजमेर के बहुचर्चित ब्लैकमेल कांड 1992 में कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है. करीब 32 साल पहले हुए इस केस से पूरा राजस्थान सहम गया था. देखते ही देखते यह केस देशभर में चर्चित हो गया था. लड़कियों की अश्लील फोटो खींचकर उनको ब्लैकमेल कर रेप करने के इस केस ने तत्कालीन सरकार में हड़कंप मचा दिया था. इस केस के चार अभियुक्तों को पूर्व में सजा हो चुकी है. लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उनको बरी कर दिया था. आज छह अन्य आरोपियों को लेकर फैसला आएगा.
जानकारी के अनुसार अजमेर ब्लैकमेल कांड की पोक्सो कोर्ट संख्या 2 में सुनवाई चल रही थी. इस केस के आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन का ट्रायल पूरा हो गया है. आज कोर्ट इन आरोपियों को लेकर अपना फैसला सुना सकती है. इस मामले में पूर्व में 4 अभियुक्तों को सजा हो चुकी है. उन 4 अभियुक्तों को 10 साल की सजा काटने पर हाईकोर्ट ने बाद में बरी कर दिया था. इस केस में कुल 18 आरोपी थे.
एक आरोपी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो रखा है
इस केस का एक आरोपी अभी भी फरार है. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो रखा है. वहीं एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी. शेष 6 आरोपी की 2002 के बाद गिरफ्तारी हुई थी. उनकी कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सुनवाई के दौरान 104 गवाह और 247 दस्तावेज पेश किए गए हैं. कोर्ट के फैसले पर आज सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
100 से अधिक लड़कियों को निशाना बनाया गया था
इस ब्लैकमेल कांड की शुरुआत 1992 में हुई थी. अजमेर में लोग उस समय सन्न रह गए थे जब यहां की प्रतिष्ठित स्कूल कॉलेज की लड़कियों के अश्लील फोटो सबके सामने आए. इन फोटो के जरिए खादिम समुदाय के युवकों ने मासूम लड़कियों को ब्लैकमेल कर एक के बाद 100 से अधिक लड़कियों को निशाना बनाया. उसके बाद तत्कालीन सरकार ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 11:45 IST