नई दिल्ली. भारत के पूर्वोत्तर राज्य इस वक्त भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात से दो चार हो रहे है और इस तरह के हालात हर साल होते है. बांग्लादेश भी इसकी चपेट में है, लेकिन वहां की मीडिया और सोशल मीडिया अपनी रिपोर्ट में बड़े पैमाने में दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में आई बाढ़ का जिम्मेदार भारत को ठहरा रहा है. इसके पीछे एक बार फिर पाकिस्तान की साजिश सामने आने लगी है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान और जमात इस आपदा का इस्तेमाल भारत को नुकसान पहुंचाने और आम छात्रों को भड़काने के लिए कर रहा है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों में हसीब अल इस्लाम भी मौजूद था. हसीब एंटी डिस्क्रिमेशन स्टूडेंट मूवमेंट का कोरडिनेटर है और वो लगातार #IndiaOut कैंपेन के लिए बार-बार आह्वान कर रहा था. हसीब अल इस्लाम बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को हटाने के खिलाफ आयोजित बड़े विरोध का हिस्सा था. ISI ने उनके फंड किए गए सोशल मीडिया चैनल का इस्तेमाल शेख हसीना के खिलाफ किया था वो सबके सामने है. भारत को निशाना बनाने के लिए कोई पुख्ता जानकारी नहीं होने के चलते वो अब इस मुद्दे पर छात्रों को भड़का रहा है.
प्रदर्शन में भारत विरोधी नारे
रिपोर्ट के मुताबिक, 21 अगस्त को जगन्नाथ यूनिवर्सिटी और ढाका यूनिवर्सिटी के तकरीबन 600 छात्रों ने जमात के कहने पर भारत विरोधी नारेबाजी की और प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन अब भी जारी हैं. सोशल मीडिया में जारी कई वीडियो में साफ दिखाई भी दे रहे है और सुनाई भी दे रहा है कि सैकड़ों की संख्या में छात्र प्रदर्शन करते दिख रहे है. ये छात्र प्रदर्शन के दौरान बॉयकॉट इंडिया और देश को चाहिए मुक्ति तो छोड़ो भारत भक्ति के नारे लगाए गए. भारत के ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे है उसमें कहा जा रहा है कि बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी की जानकारी भारत की तरफ से बांग्लादेश जल विकास बोर्ड (BWBD) को नहीं दी गई.
भारत पर जानकारी न देने का लगाया आरोप
इन प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय जलाशय से अचानक पानी छोड़ा दिया गया, जिससे कुशियारा, मनु, धलाई , खोवाई, मुहुरी, फेनी, गुमटी और हल्दा नदी में पानी का स्तर बढ़ गया. इसके चलते मैदानी इलाकों में नदियां अपनी क्षमता से ज्यादा पानी आ गया, जिससे फेनी, कोमिला और नोआखली जिलों की खेती जमीन और रिहायशी इलाको में पानी भर गया.
हजारों निवासियों को अपने घर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जबकि हकीकत तो यह है कि भारतीय मौसम विभाग की तरफ से 17 अगस्त को पहली एडवाइजरी जारी की थी और उसके बाद लगातार 20 अगस्त तक भारी बारिश का रेड अलर्ट की एडवाइजरी जारी की थी. बहरहाल भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और विदेश मंत्रालय की तरफ से बाकायदा आधिकारिक बयान भी जारी किया.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 18:18 IST