यूपी के सिपाही भर्ती परीक्षा केंद्रों की कुछ तस्वीरें हैं. कहानी परीक्षा के दौरान होने वाली जांच की दिख रही है. लेकिन इनके मायने कुछ और भी हैं. तस्वीरों में उनकी कड़ी जांच होती दिख रही है जो सिपाही बन रोजगार हासिल करने के सपने लिए आए हैं. उन्हें इंतहान देना है. पास हुए तो सपना सच हो जाएगा. लेकिन यहां इंतहान देने आए नौजवानों से बड़ी परीक्षा यूपी की योगी सरकार की है. सिस्टम को इन नौजवानों का भरोसा कायम रखने का इंतहान देना है. जिस तरह से सख्त इंतजाम किए गए हैं उससे उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तर प्रदेश की सरकार इस इंतहान में सफल हो सकेगी.
वैसे यही वो उत्तर प्रदेश है, जहां पुलिस की कोई भर्ती तभी होती रही जब सारी प्रकिया के बाद मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी ओके हो जाता था. कई बार भर्ती निकलने, इंतहान होने, तमाम जांच होने के बाद भी भर्तियां इस कारण भी कैंसिल होती रही क्योंकि कोई न कोई गड़बड़ी मिल जाती थी. मामला कोर्ट की दहलीज तक जा कर अटक जाता. खैर ये प्रासेस इधर के कुछ सालों में रुका. लेकिन जिस तरह से देश के तमाम हिस्सों में मुन्ना भाइयों के इंतहान देने, परीक्षा के पर्चे लीक होने के मामले सामने आए हैं, उसे देखते हुए यहां भी अंदेशा कम नहीं था.
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड करा रहा है परीक्षा
ये परीक्षा तो उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ले रहा है. नेशनल टेस्ट एजेंसी यानी NTA की डॉक्टरी में प्रवेश परीक्षा के पर्चे लीक होने का मामला तो अभी बहुत ताजा ही है. सबको याद है कि किस तरह से मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. सीबीआई जांच चल ही रही है. अगर याद करने की कोशिश की जाय कि हाल के वर्षों में कौन सी परीक्षा बिना पर्चा लीक, किसी और का किसी और की जगह परीक्षा देने जैसे विविदों के बगैर हुई थी? तो याद करना मुश्किल हो जाएगा. राजस्थान में तो राजस्थान भर्ती बोर्ड और लोकसेवा आयोग तक इसके लपेटे में आ गया था.
देश भर में परीक्षाओं में गड़बड़ियों से निराशा
बिहार तो हमेशा से बदनाम रहा है. वहां भी हुई परीक्षाओं में पर्चा लीक और किसी और के बदले किसी और के परीक्षा देने जैसे मामले सामने आए. इसके अलावा और बहुत सारे उदाहरण हो सकते हैं. लेकिन इस तरह से परीक्षाओं में गड़बड़ी का सबसे बुरा असर ये होता है कि एक पूरी पीढ़ी का यकीन टूट जाता है. उसे लगने लगता है कि देश की सारी व्यवस्था ही ऐसी है. नई उमर में पैदा हुई इस सोच का कितना गहरा असर पड़ता होगा इसकी कल्पना बहुत आसानी से की जा सकती है.
पीढ़ी पर पड़ रहा है असर
अगर एक पूरी पीढ़ी को ये यकीन हो जाए कि हमारी व्यवस्था ही ऐसी है जिसमें बिना गड़बड़ी के कुछ नहीं हो सकता तो इसके असर खतरनाक होते हैं. गांवों में अगर नई उम्र के बच्चों से बात की जाय तो बहुत से ऐसे बच्चे मिल जाएंगे जो निराश हो चुके हैं. उन्हें लगता है कि बिना रिश्वत खिलाए भर्ती हो ही नहीं सकती. बिना गड़बड़ी के साफ सुथरी परीक्षा के जरिए कहीं सरकारी नौकरी मिल ही नहीं सकती.
पुलिस भर्ती बोर्ड की परीक्षा के लिए यूपी पुलिस ने तैयारियों में ताकत झोंक दी.
इंतजाम खूब दिख रहे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शायद इसकी गंभीरता को समझा है. तभी इस परीक्षा के लिए भारी भरकम इंतजाम किए गए हैं. प्रदेश के 67 जिलों में 9 लाख 67 हजार परीक्षार्थी इंतहान दे रहे हैं. हर कंडिडेट की बॉयमेट्रिक जांच की जा रही है. पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के मुताबिक सेंटरों पर इतने सीसीटीवी कैमरे लगाएं गए हैं कि एक कैमरे से 10 परीक्षार्थियों की निगरानी की जा सके. फिर भी सरकार भरोसा बनाए रखने के इंतहान में तभी पास हो सकेगी जब कहीं गड़बड़ी न हो और गड़बड़ी की शिकायत न आए.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 13:09 IST