कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस: ममता सरकार से क्यों नाखुश हैं अभिषेक बनर्जी?


रिपोर्ट- कमलिका सेनगुप्ता
कोलकाता:
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में टीएमसी सरकार के कामकाज से अभिषेक बनर्जी नाखुश हैं. सूत्र ने बताया है कि वह जवाबदेही चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार अभिषेक बनर्जी का रूख है कि “सुस्त व्यवस्था” को छोड़ दें, डॉक्टरों की रक्षा करें और 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले किसी भी सत्ता विरोधी लहर को रोकने के लिए प्रशासन को कुशल बनाएं.

डायमंड हार्बर सांसद के करीबी सूत्रों का कहना है कि यह स्पष्ट है कि अभिषेक प्रशासन द्वारा 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ भयानक बलात्कार और हत्या के बाद आरजी कर अस्पताल की स्थिति को संभालने के तरीके से खुश नहीं हैं. अभिषेक का स्पष्ट मानना ​​है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार को ‘सुस्त व्यवस्था की बेड़ियां तोड़नी चाहिए’ जो ऐसे समय में मदद नहीं कर रही है जब पार्टी और राज्य सरकार दोनों ही आलोचना का सामना कर रहे हैं, TMC नेता के करीबी सूत्रों ने न्यूज़18 को बताया.

पढ़ें- कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस: रेप-कत्ल वाले दिन क्या-क्या हुआ, RG कर अस्पताल कांड में सुबह से रात की कहानी

अभिषेक ने कल तोड़ी चुप्पी
अभिषेक ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए अपनी चुप्पी तोड़ी, जिसमें उन्होंने देश में महिलाओं के खिलाफ़ अपराधों के बड़े मुद्दे पर बात की. उन्होंने आरजी कर अस्पताल में विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले 10 दिनों में 900 बलात्कारों के आंकड़ों का हवाला दिया और केंद्र से बलात्कार विरोधी व्यापक कानून बनाने की मांग की. उन्होंने पहले 15 अगस्त को अस्पताल में की गई बर्बरता की आलोचना की थी और कार्रवाई की मांग की थी.

क्या चाहते हैं अभिषेक
अभिषेक के करीबी सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि सिस्टम में जवाबदेही होनी चाहिए और राज्य प्रशासन को त्वरित और उत्तरदायी होना चाहिए. तृणमूल जानती है कि 2026 में उसे सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा और उसे इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा. अभिषेक के करीबी पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने राज्य सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है. कुछ लोगों का कहना है कि अभिषेक की चुप्पी भी सिस्टम पर बेहतर होने का दबाव बनाने के लिए है.

TMC में बदलाव के संकेत
TMC नेता कुणाल घोष ने पहले अभिषेक से पार्टी के दिन-प्रतिदिन के मामलों में सक्रिय रहने के लिए कहा था. अप्रैल-जून के लोकसभा चुनावों में शहरी क्षेत्रों में तृणमूल का मामूली प्रदर्शन भी चिंता का विषय है, खासकर कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले के बाद. छोटे-मोटे लेकिन बड़े बदलावों से भी मतभेद के संकेत मिल रहे हैं. उदाहरण के लिए, TMC में मीडिया समन्वय का काम अब तक अभिषेक की टीम कर रही थी, लेकिन अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना के बाद से इसमें बदलाव आ गया है. टीएमसी के पास अब नई समन्वय टीम है और मीडिया के लिए नया वॉट्सऐप ग्रुप भी शुरू किया है.

Tags: Kolkata News, Kolkata Police



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *